प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रयागराज के जिलाधिकारी को कोविड-19 दिशा-निर्देशों को लागू करने में पार्षदों और विभिन्न अन्य संगठनों को शामिल करने की संभावना तलाशने को शुक्रवार को निर्देश दिया।
पृथक-वास केंद्रों में बेहतर स्थिति की मांग वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने प्रयागराज के जिलाधिकारी को अदालत को वह तरीका बताने को भी कहा जिसके जरिए वह लोगों को मास्क पहनने और शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए पार्षदों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 31 अगस्त, 2020 तय करते हुए कहा, “अगली तारीख पर हम अन्य शहरों में भी पार्षदों को इस कवायद में शामिल करने के तरीके को लागू करने की संभावना देखेंगे।” अदालत ने कहा, “स्वैच्छिक संगठनों को शामिल करना उस कार्य के अतिरिक्त होगा जो जिला प्रशासन द्वारा पहले से किया जा रहा है।”
अदालत ने प्रयागराज के नगर निगम को शहर से सभी आवारा पशुओं और आवारा कुत्तों को हटाने की हर संभव कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया। आवारा पशुओं के कारण काफी दुर्घटनाएं होती हैं और आवारा कुत्तों से अक्सर रैबीज का खतरा रहता है।
अदालत ने कहा, “महामारी के इस दौर में जब लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, आवारा पशुओं और आवारा कुत्तों को अनिवार्य रूप से हटाना आवश्यक है जिससे किसी भी परेशानी से बचा जा सके।” भाषा राजेंद्र शफीक