नयी दिल्ली, तीन जून दिल्ली की एक अदालत ने कथित उर्वरक घोटाले के संबंध में धनशोधन मामले में गिरफ्तार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सदस्य अमरेंद्र धारी सिंह को बृहस्पतिवार को 10 दिनों के लिए प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया।
विशेष न्यायाधीश दिग विनय सिंह ने धारी को नजरबंद रखने के लिए उनके वकील की अर्जी को भी खारिज करते हुए कहा कि ‘‘यह महज इसलिए स्वीकार नहीं किया जा सकता कि आरोपी संसद के सदस्य हैं।’’
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हिरासत के लिए प्रवर्तन निदेशालय की अर्जी मंजूर की जाती है और निष्पक्ष जांच के लिए आरोपी को 10 दिनों के लिए 13 जून तक ईडी की हिरासत में भेजा जाता है।’’
अदालत ने कहा कि राजद सांसद से कल जब उनके आवास पर पूछताछ की गयी तो उन्होंने बिल्कुल सहयोग नहीं किया।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए दलीलें पेश करने के दौरान ईडी के विशेष लोक अभियोजक अमित महाजन ने 14 दिनों की हिरासत का अनुरोध करते हुए कहा कि बड़ी साजिश को बेनकाब करने के लिए उनसे पूछताछ की जरूरत है।
ईडी की तरफ से ही पेश विशेष लोक अभियोजक नितेश राणा ने अदालत से कहा कि आरोपी का मामले में विभिन्न दस्तावेजों और अन्य सबूतों से सामना कराने की जरूरत है।
सांसद और कारोबारी सिंह को धन शोधन रोकथाम (पीएमएलए) कानून की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया।
अदालत ने 10 पन्ने के आदेश में कहा कि जांच अधिकारी को आशंका है कि आरोपी सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं क्योंकि पूछताछ के दौरान उन्होंने सहयोगात्मक रुख नहीं दिखाया।
अदालत ने कहा कि धन के प्रवाह की जांच की जानी है, अज्ञात कंपनियों की पहचान होनी है। अदालत ने कहा, ‘‘हिरासत में भेजने का उद्देश्य है कि एजेंसी आरोपी से पूछताछ कर सके और आरोपी का विभिन्न साक्ष्यों से सामना कराया जाए।’’
हालांकि अदालत ने आरोपी को अपनी दवाईयां और जरूरी चिकित्सकीय उपकरण, चश्मा रखने तथा घर का बना खाना लेने की अनुमति दे दी।
यह मामला इफ्को और इंडिया पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) से संबंधित कथित उर्वरक घोटाले से जुड़ा है जिसमें सीबीआई ने पिछले महीने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था।
बताया जाता है कि सिंह मामले से संबंधित एक कंपनी ज्योति ट्रेडिंग कॉरपोरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं।
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