हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन का 98 वर्ष की आयु में निधन
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 28, 2023 12:48 PM2023-09-28T12:48:31+5:302023-09-28T12:53:16+5:30
भारत में हरित क्रांति के जनक और सुप्रसिद्ध भारतीय कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन का 98 वर्ष की अवस्था में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है।
नई दिल्ली: भारत में हरित क्रांति के जनक और देश को खाद्यान में आत्मनिर्भर बनाने वाले सुप्रसिद्ध भारतीय कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन का गुरुवार को 98 वर्ष की अवस्था में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है।
दिवंगत एमएस स्वामीनाथन ने कृषि सुधार में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के तहत 1960 और 1970 के दशक में बेहद असाधारण कार्य किया था और उनकी सोच के कारण ही भारत कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना और तकनीक के बल पर देश ने कृषि क्रांति की।
यह एमएस स्वामीनाथन ही थे, जिनके प्रभाव से देश को अकाल से निपटने और खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल की। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में नई वैज्ञानिक तकनीक को महत्व दिया और गेहूं और चावल की उच्च उपज देने वाली किस्मों का विकास किया। जिसके कारण भारत के खाद्यान्न उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई।
कृषि के क्षेत्र में अनूठे योगदान को देखते हुए साल 1971 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार और साल 1986 में अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व विज्ञान पुरस्कार दिया गया।
इसके असाला उन्हें साल 1987 में प्रथम विश्व खाद्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। इस पुरस्कार से मिली धनराशि का उपयोग चेन्नई में एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना के लिए गया था।
एमएस स्वामीनाथन बतौर कृषि वैज्ञानिक न केवल भारत बल्कि स्वामीनाथन वैश्विक मंच पर प्रभावशाली दखल रखते थे। यही कारण है कि टाइम पत्रिका ने उन्हें 20वीं सदी के 20 सबसे प्रभावशाली एशियाई लोगों में से एक नामित किया गया था।