राजद्रोह के आरोपी दामाद को एम्स में भर्ती कराने के लिए ससुर ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा

By भाषा | Updated: September 26, 2021 18:27 IST2021-09-26T18:27:30+5:302021-09-26T18:27:30+5:30

Father-in-law wrote a letter to the District Magistrate to get the son-in-law accused of sedition admitted to AIIMS | राजद्रोह के आरोपी दामाद को एम्स में भर्ती कराने के लिए ससुर ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा

राजद्रोह के आरोपी दामाद को एम्स में भर्ती कराने के लिए ससुर ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा

शीर्षक एवं इंट्रो में तथ्यात्मक सुधार के साथ

मथुरा, 26 सितंबर राजद्रोह और दो सम्प्रदायों में वैमनस्य फैलाकर दंगा कराने के प्रयास जैसे संगीन आरोपों में उत्तर प्रदेश के मथुरा जिला कारागार में बंद पीएफआई/सीएफआई के सदस्य अतीकुर्रहमान के खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर उसके ससुर ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर उसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।

अतीकुर्रहमान और उसके तीन साथियों को पिछले साल हाथरस बलात्कार पीड़िता के परिवार से मिलने जाते समय एक्सप्रेस-वे के मांट टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया गया था। दलित युवती की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी।

रहमान के वकील मधुवन दत्त चतुर्वेदी ने बताया, ‘‘अतीकुर्रहमान दिल एवं श्वसन तंत्र की गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है। लखनऊ में धन शोधन कानून संबंधी विशेष अदालत में 22 सितंबर को पेशी के दौरान भी वह गंभीर रूप से बीमार हो गए था, जिसके अगले दिन उसके ससुर ने मथुरा के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर यह मांग की है।’’

उन्होंने बताया, ‘‘रहमान को वहां से वापस लाते समय पहले आगरा के खंदारी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और फिर जिला अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद उन्हें एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। लेकिन वहां के चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें लखनऊ में एम्स अथवा संजय गांधी परास्नातक संस्थान (एसजीपीजीआई) में तुरंत भर्ती कराने की सलाह दी।’’

चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की सलाह के बावजूद रहमान को मथुरा जिला कारागार के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। उन्होंने बताया कि पत्र में कहा गया है कि अब तक मामले में बहस शुरू नहीं हुई है और न ही उनके बेकसूर होने पर कोई आपत्ति उठी है, इसलिए उन्हें एम्स, पीजीआई अथवा किसी अन्य बेहतर अस्पताल में भर्ती कराने पर अभियोजन पक्ष को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्हें जल्द से जल्द अस्पताल में भर्ती कराया जाए, नहीं तो उनके जीवन को खतरा हो सकता है।

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