फतेहपुर, 4 जूनः जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर के परगवाल इलाके में पाकिस्तानी रेंजर्स की नापाक हरकत से जवान विजय पांडेय शहीद हो गए। सरहद की निगहबानी कर रहे जवान विजय की इसी महीने की 20 तारीख को शादी होनी थी। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के सठिगवां से जिसके सिर पर सेहरा बंधना था सोमवार को वहां तिरंगे में लिपटा शव पहुंचा। शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचने से पूरे गांव और आस-पास के इलाके में कोहराम मच गया है। शहीद परिवार को ढांढस बंधाने केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति उनके घर पहुंची। हर किसी की जुबान पर एक ही सवाल है, आखिर कब तक हम अपने देश के जांबाजों की कुर्बानी देते रहेंगे?
सठिगवां गांव के रहने वाले राजू पांडेय किसान हैं। उनके बेटे विजय कुमार इस वक्त 33वीं बटालियन बीएसएफ में तैनात थे। जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में सीमापार से पाकिस्तानी रेंजर्स की भारी गोलीबारी में विजय को भी गोली लग गई। उन्हें आनन-फानन अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन वो शहीद हो गए। शहादत की खबर जैसे ही सठिगवां पहुंची पूरा परिवार बदहवास हो गया। शहीद विजय पांडेय का इसी महीने 15 तारीख को तिलकोत्सव और 20 जून को बारात जानी थी।
इस घटना से फतेहपुर के बुढ़वा गांव में भी मातम का माहौल है। इसी गांव की वंदना की शादी विजय से तय हुई थी। एक खबर ने उसके सारे अरमानों को मिट्टी में मिला दिया। उसकी वेदना का मापने का तो कोई पैमाना ही नहीं हो सकता। उसका संसार तो बसने से पहले ही उजड़ गया। बदहवास वंदना कुछ बोलने की स्थिति में भी नहीं है। विजय के परिजनों को बेटे की शहादत पर गर्व है।
परिजनों ने बताया कि विजय ने शनिवार की शाम को ही फोन से बात की थी। शादी की तैयारियों को लेकर पिता ने चिंता जताई तो विजय ने कहा वो जल्दी ही आकर सबकुछ संभाल लेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विजय ने अपनी छुट्टी की अर्जी भी अधिकारियों के पास दे रखी थी। अब उस पिता को बेटे के आने का ये इंतजार कभी खत्म नहीं होगा।
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