मोदी सरकार के कृषि अध्यादेशों के खिलाफ एकजुट हुए किसान, दिल्ली आ रहे किसानों को सीमा पर रोका गया

By भाषा | Published: September 14, 2020 07:26 PM2020-09-14T19:26:08+5:302020-09-14T19:37:41+5:30

नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करने दिल्ली आ रहे किसानों को प्रशासन से बातचीत करने के लिए अपने प्रतिनिधि भेजने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि अन्य लोगों से सीमा पर ही इंतजार करने को कहा गया है।

Farmers united by the Modi government against agricultural ordinances, farmers coming to Delhi were stopped at the border | मोदी सरकार के कृषि अध्यादेशों के खिलाफ एकजुट हुए किसान, दिल्ली आ रहे किसानों को सीमा पर रोका गया

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsकेन्द्र ने हाल ही में तीन कृषि अध्यादेश... कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) अध्यादेश, किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य बीमा समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश पारित किए हैं।बीकेयू नेता गुरनाम सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा कि उनका मानना ​​है कि अध्यादेशों से किसानों का विनाश होगा और वे बाजार की ताकतों के सामने आ जाएंगे।

नयी दिल्ली: केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी कृषि क्षेत्र के तीन अध्यादेशों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली की ओर कूच कर रहे उत्तर प्रदेश के किसानों के एक समूह को दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा पर रोक दिया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) से जुड़े किसान जंतर-मंतर जा रहे थे, लेकिन इन सभी को गाजीपुर सीमा के पास एनएच-24 पर रोक दिया गया।

उन किसानों को प्रशासन से बातचीत करने के लिए अपने प्रतिनिधि भेजने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि अन्य लोगों से सीमा पर ही इंतजार करने को कहा गया है। वे लोग अध्यादेशों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।

केन्द्र ने हाल ही में तीन कृषि अध्यादेश... कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) अध्यादेश, किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य बीमा समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश पारित किए हैं। भारतीय किसान यूनियन और हरियाणा के अन्य किसान संगठनों ने बृहस्पतिवार को भी इन अध्यादेशों के खिलाफ प्रदर्शन किया था।  

बता दें कि किसानों ने केंद्र द्वारा इन अध्यादेशों को पारित करने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। बीकेयू नेता गुरनाम सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा कि उनका मानना ​​है कि अध्यादेशों से किसानों का विनाश होगा और वे बाजार की ताकतों के सामने आ जाएंगे।

किसानों का उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अध्यादेश, 2020 पर किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता, और आवश्यक वस्तु (संशोधन, अध्यादेश, 2020) तीन अध्यादेश हैं जो केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान पारित किया गया था।

किसान, किसानों का उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 से अधिक चिंतित हैं। अध्यादेश विभिन्न राज्य कृषि के तहत अधिसूचित बाजारों के बाहर किसानों की उपज के अवरोध मुक्त व्यापार के लिए प्रदान करना चाहता है। किसानों को डर है कि इस अध्यादेश से कृषि उत्पादों की बिक्री की मंडी प्रणाली समाप्त हो जाएगी और उनके उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी से नीचे बेच दिया जाएगा।

कृषि पर तीन अध्यादेश की प्रमुख बातें  
1- राज्य सरकारों का कोई कानून कृषि अध्यादेशों की विपणन व्यवस्था पर लागू नहीं होगा
2- विवाद होने पर, किसान को अदालत जाने की अनुमति नहीं (धारा-15) किसान उपज उत्पाद, व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020


3- बनेगा कृषि उपज मंडियों का काल: क्योंकि कृषि विपणन बिना कृषि उपज मंडी, बिना मंडी फीस, सेस, लेवी, बिना मंडी कानून के होगा (धारा-6 किसान उपज उत्पाद, व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020
4- बनेगा फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य का काल: क्योंकि कृषि अध्यादेशों की विपणन व्यवस्था समर्थन मूल्य से मुक्त हैं
5- किसान को बनाएगा कार्पोरेट का बंधुआ मजदूर: बिना फसल के दाम दिए कंपनी खेती राज स्थापित करेंगा जिसमें खेत और मजदूरी किसान की, लेकिन फसल कंपनी की होगी, किसान को केवल मजदूरी के पैसे मिलेंगे (धारा 2(H) iii, मूल्य आश्वासन पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) सेवा समझोता अध्यादेश 2020
 

 

Web Title: Farmers united by the Modi government against agricultural ordinances, farmers coming to Delhi were stopped at the border

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