पंजाब में किसानों का 'रेल रोको' आंदोलन खत्म, करीब 600 ट्रेन की आवाजाही प्रभावित हुई

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 30, 2023 08:55 PM2023-09-30T20:55:53+5:302023-09-30T20:56:50+5:30

रेलवे अधिकारियों ने कहा कि बृहस्पतिवार को शुरू हुए आंदोलन के कारण कई ट्रेन की आवाजाही प्रभावित हुई, कई ट्रेन को रद्द कर दिया गया या उनका मार्ग बदल दिया गया।

Farmers' 'Rail Roko' movement ends in Punjab, movement of about 600 trains affected | पंजाब में किसानों का 'रेल रोको' आंदोलन खत्म, करीब 600 ट्रेन की आवाजाही प्रभावित हुई

पंजाब में किसानों का 'रेल रोको' आंदोलन खत्म

Highlightsपंजाब में किसानों ने रेल रोको आंदोलन समाप्त किया इससे कई ट्रेन की आवाजाही प्रभावित हुईविरोध प्रदर्शन के कारण सैकड़ों रेल यात्री पंजाब और हरियाणा में फंस गए

चंडीगढ़: पंजाब में किसानों ने शनिवार शाम को अपना तीन दिवसीय ‘रेल रोको’ आंदोलन समाप्त कर दिया, लेकिन इससे कई ट्रेन की आवाजाही प्रभावित हुई जिससे पंजाब और हरियाणा में यात्रियों को असुविधा हुई। प्रदर्शनकारी हाल ही में बाढ़ से नष्ट हुई फसलों के लिए मुआवजे, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कानूनी गारंटी और पूर्ण कर्ज माफी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में केंद्र के खिलाफ अपना आंदोलन कर रहे थे।

रेलवे अधिकारियों ने कहा कि बृहस्पतिवार को शुरू हुए आंदोलन के कारण कई ट्रेन की आवाजाही प्रभावित हुई, कई ट्रेन को रद्द कर दिया गया या उनका मार्ग बदल दिया गया। फिरोजपुर मंडल के रेलवे अधिकारियों के अनुसार, तीन दिवसीय किसान आंदोलन के कारण 581 यात्री ट्रेन और 17 मालगाड़ियों की आवाजाही प्रभावित हुई। यात्री ट्रेन में से लगभग 376 ट्रेन रद्द कर दी गईं और 89 को पहले ही रोक दिया गया और 70 ट्रेन के मार्ग में परिवर्तन किया गया है। किसानों ने अपने आंदोलन के तहत बृहस्पतिवार से फरीदकोट, समराला, मोगा, होशियारपुर, गुरदासपुर, जालंधर, तरनतारन, संगरूर, पटियाला, फिरोजपुर, बठिंडा और अमृतसर में कई स्थानों पर रेलवे ट्रैक अवरुद्ध कर दिए। विरोध प्रदर्शन के कारण सैकड़ों रेल यात्री पंजाब और हरियाणा में फंस गए।

लुधियाना स्टेशन पर खड़े एक रेल यात्री ने कहा कि वह गोरखपुर जाने वाली ट्रेन में सवार होने के लिए सड़क के माध्यम से जालंधर से यहां आए थे लेकिन रेल कब आएगी इसकी कोई जानकारी नहीं है। स्टेशन पर खड़े एक अन्य यात्री ने कहा कि आंदोलन की वजह से अमृतसर से उनकी ट्रेन रद्द हो गई जिससे उनके परिवार के 12 सदस्यों को बिहार जाना था। यात्री ने बताया कि उन्हें बाद में पता चला कि ट्रेन लुधियाना से जाएगी और उनके परिवार को अमतृसर से सड़क मार्ग से आना पड़ा। उन्होंने बताया कि हालांकि ट्रेन के बारे में अभी भी कोई सूचना नहीं है। अधिकारी ने बताया कि किसानों के आंदोलन से अंबाला और फिरोजपुर रेलवे संभाग प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं। होशियारपुर में आजाद किसान कमेटी दोआबा के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल सिंह संघा ने चेतावनी दी कि अगर दशहरे तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो किसान केंद्र सरकार के "प्रतीकात्मक" पुतले फूंकेगे। इस तीन दिवसीय आंदोलन में किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू-क्रांतिकारी), भाकियू (एकता आजाद), आजाद किसान कमेटी, दोआबा, भाकियू (बेहरामके), भाकियू (शहीद भगत सिंह) और भाकियू (छोटू राम) सहित कई किसान संगठन हिस्सा ले रहे हैं। उनकी मांगों में उत्तर भारत में बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए वित्तीय पैकेज, सभी फसलों पर एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी और किसानों की कर्ज माफी सहित अन्य मांगें शामिल हैं।

 किसान, उत्तर भारतीय राज्यों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये के बाढ़ राहत पैकेज और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों के मुताबिक एमएसपी की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा आंदोलनकारी, किसानों व मजदूरों का पूरा कर्ज माफ करने की भी मांग कर रहे हैं। उन्होंने तीन कृषि कानूनों (जिन्हें अब निरस्त कर दिया गया है) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई उनमें से प्रत्येक के परिवार को 10 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग भी रखी है। 

(इनपुट- भाषा)

Web Title: Farmers' 'Rail Roko' movement ends in Punjab, movement of about 600 trains affected

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