Farmers Protest: किसानों के 'दिल्ली चलो' पर लगा दो दिन का ब्रेक, हरियाणा सीमा पर प्रदर्शनकारी किसान की मौत के बाद जानिए अब तक क्या हुआ
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: February 22, 2024 08:43 IST2024-02-22T08:37:54+5:302024-02-22T08:43:34+5:30
किसान नेताओं ने राजधानी की ओर बढ़ रहे अपने 'दिल्ली चलो' मार्च को दो दिन के लिए रोकने का फैसला किया है।

फाइल फोटो
नई दिल्ली: फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित अन्य मांगों को मनवाने के लिए 'दिल्ली चलो' का नारा दे रहे प्रदर्शनकारी किसानों का जत्था हरियाणा सीमा पर सिर में चोट लगने से एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत से सकते में है। इस कारण से किसान नेताओं ने राजधानी की ओर बढ़ रहे अपने मार्च को दो दिन के लिए रोकने का फैसला किया है।
इस संबंध में बीते बुधवार दोपहर किसान नेताओं ने ऐलान किया कि 21 फरवरी को किसान प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प में खनौरी सीमा क्षेत्र में हुई प्रदर्शनकारी की मौत के बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी और शुक्रवार शाम तक अगली कार्रवाई की घोषणा की जाएगी।
इस बीच मौजूदा हालात में जो जानकारी सामने आयी है, उसके अनुसार केंद्र सरकार द्वारा पंजाब सरकार से कानून-व्यवस्था पर सवाल किए जाने के बाद राज्य ने कहा कि हरियाणा पुलिस द्वारा 160 प्रदर्शनकारी किसानों को घायल करने के बावजूद उन्होंने अभी तक उचित सुरक्षा उपायों को बनाए रखा है।
इससे पहले केंद्र सरकार ने बीते बुधवार को किसानों के पक्ष में एक राहत भरी घोषणा करते हुए जानकारी दी कि अक्टूबर से शुरू होने वाले 2024-25 सीज़न के लिए गन्ना उत्पादकों को मिलों द्वारा भुगतान की जाने वाली न्यूनतम कीमत 25 रुपया से 340 प्रति क्विंटल तक बढ़ाने का फैसला किया गया है।
यह 2014 में सत्ता में आने के बाद से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा घोषित गन्ने के लिए उच्चतम लाभकारी मूल्य है। यह दूसरी बार है जब मोदी सरकार ने एफआरपी में एक बार में 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है।
मालूम हो बीते बुधवार को खनौरी सीमा पर सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच हुई झड़प में भटिंडा के रहने वाले 21 वर्षीय किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई। शुभकरण की मौत के अलावा इस झड़प में 12 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं।
'दिल्ली चलो' का नारा दे रहे किसानों ने बताया कि सीमा पर रोकने के लिए पुलिस आंसू गैस के गोले के साथ रबर की गोलियां चला रही थी। वहीं हरियाणा पुलिस ने कहा कि किसानों ने सुरक्षाकर्मियों पर पत्थरों और लाठियों से हमला किया। पुलिस ने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारियों ने खनौरी सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को घेरने के बाद पराली पर मिर्च पाउडर डाला और आग लगा दी।
इस पूरे घटनाक्रम को बेहद दुखद बताते हुए आम आदमी पार्टी के नेता और पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने कहा कि हरियाणा पुलिस की ओर से की जा रही हिंसक कार्रवाई सीधे तौर पर "लोकतंत्र की हत्या" है।
वहीं शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने दावा किया कि किसान शुभकरण सिंह की मौत पुलिस की गोलीबारी में हुई। हालाँकि, किसान की मौत के कारण की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है।