किसानों की महापंचायत, राकेश टिकैत का ऐलान- अभी तीनों बिल वापसी की बात कही है, नहीं माने तो जनता गद्दी वापसी की मांग करेगी
By अनुराग आनंद | Published: February 3, 2021 02:53 PM2021-02-03T14:53:42+5:302021-02-03T15:07:03+5:30
जींद में किसानों की भारी भीड़ को संबोधित करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अभी जनता ने केंद्र सरकार तीनों नए कृषि कानून के वापसी की मांग की है, यदि सरकारी नहीं मानी तो जनता गद्दी वापसी की मांग कर लेगी।
जींद: हरियाणा के जींद में किसानों की महापंचायत में भारी भीड़ जमा हुई है। इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत के अलावा कई अन्य बड़े किसान नेता मौजूद थे। किसानों के भारी-भीड़ के बीच पंचायत ने तीनों बिल वापसी की मांग के प्रस्ताव को पास किया है।
राकेश टिकैत ने इस पंचायत में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि अभी जनता ने केंद्र सरकार तीनों नए कृषि कानून के वापसी की मांग की है, यदि सरकारी नहीं मानी तो जनता गद्दी वापसी की मांग कर लेगी।
इस कार्यक्रम में किसानों के भारी-भीड़ को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि बिल वापसी से कम पर किसान नहीं मानने वाला है। देश भर के किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं, इस कार्यक्रम में राकेश टिकैत ने यह भी दावा किया है।
#WATCH | The stage on which Bharatiya Kisan Union (Arajnaitik) leader Rakesh Tikait & other farmer leaders were standing, collapses in Jind, Haryana.
— ANI (@ANI) February 3, 2021
A 'Mahapanchayat' is underway in Jind. pic.twitter.com/rBwbfo0Mm1
कंडेला गांव में 50 खापों के प्रमुख ने एकमत में बिल वापसी की मांग की-
जींद में महापंचायत में शामिल होने के लिए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पहुंचे। कंडेला गांव में 50 खापों के प्रमुख भी इस महापंचायत में शामिल होने अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे। मंच पर राकेश टिकैत का स्वागत करने और उन्हें माला पहनाने की होड़ मच गई।
अचानक मंच टूट गया और राकेश टिकैत समेत अन्य नेता नीचे गिरे-
दर्जनों लोग एक साथ मंच पर आ गए और राकेश टिकैत का सम्मान करने लगे। इसी दौरान अचानक मंच टूट गया और राकेश टिकैत समेत अन्य नेता नीचे आ गिरे। मौके पर हड़कंप मच गया। आनन-फानन में राकेश टिकैत को उठाया गया। कुछ देर बाद कार्यक्रम शुरू किया गया।
ये साल युवा क्रांति का साल है-
हरियाणा के जींद में किसान नेता राकेश टिकैट ने कहा कि ये साल युवा क्रांति का है। उन्होंने कहा कि मैं कीलों पर लेट जाऊंगा, सरकार को कृषि कानूनों पर हमारी बात माननी ही होगी। इतना कहते ही उनका मंच टूट गया।