किसानों ने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध संबंधी एनजीटी के एक पुराने आदेश का विरोध किया

By भाषा | Updated: February 7, 2021 21:20 IST2021-02-07T21:20:07+5:302021-02-07T21:20:07+5:30

Farmers protest an earlier NGT order banning diesel vehicles | किसानों ने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध संबंधी एनजीटी के एक पुराने आदेश का विरोध किया

किसानों ने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध संबंधी एनजीटी के एक पुराने आदेश का विरोध किया

नयी दिल्ली, सात फरवरी केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान ‘ट्रैक्टर क्रांति’ के आह्वान पर एकत्र हो रहे हैं जबकि उन्होंने 10 साल से अधिक पुराने ट्रैक्टर समेत डीजल से चलने वाले वाहनों पर प्रतिबंध संबंधी राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के 2014 के आदेश को लेकर निराश जताई है।

किसान नेता राकेश टिकैत ने इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन में ट्रैक्टर मालिकों का समर्थन जुटाने के लिए शनिवार को ‘ट्रैक्टर क्रांति’ का आह्वान किया था।

गाजीपुर में शनिवार को अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए टिकैत कृषक समुदाय तक पहुंच गए, जिनमें से कई, विशेष रूप से दिल्ली एनसीआर में, राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश से परेशान हैं।

अधिकरण ने 26 नवम्बर, 2014 के अपने आदेश में कहा था कि 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों को दिल्ली-एनसीआर में संचालन की अनुमति नहीं होगी।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों जैसे मुजफ्फरनगर, बागपत, हापुड़, शामली और मेरठ में किसान फैसले से आशंकित हैं।

मुजफ्फरनगर निवासी विकास कादियान ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘इस आदेश के अनुसार, मेरा ट्रैक्टर जो मैंने आठ साल पहले खरीदा था, दो साल बाद या अधिकतम सात साल के बाद उपयोग से बाहर हो जाएगा, यदि 15 साल का नियम लागू किया जाता है। यह एक बहुत बड़ा नुकसान होगा।’’

एनजीटी के आदेश का विरोध करते हुए टिकैत ने शनिवार को कहा था, ‘‘जो ट्रैक्टर खेतों में चलते हैं, वे अब दिल्ली में एनजीटी के कार्यालय में भी चलेंगे। हाल ही में, उन्होंने यह नहीं पूछा था कि कौन से वाहन 10 साल पुराने हैं? उनकी योजना क्या है? दस साल से अधिक पुराने ट्रैक्टरों को हटाने और कॉर्पोरेट्स की मदद करने के लिए? लेकिन 10 साल से अधिक पुराने ट्रैक्टर भी चलेंगे, और आंदोलन (नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए) को भी मजबूत किया जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि देशभर में अधिक से अधिक किसान विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने के लिए किसानों के आंदोलन में भाग लेंगे।

टिकैत ने कहा था, ‘‘हाल ही में 20,000 ट्रैक्टर दिल्ली में थे और अगला लक्ष्य उस संख्या को 40 लाख तक ले जाना है।’’

कादियान (38) ने कहा, ‘‘इस तरह का निर्णय लागू किये जाने से पहले, यह बेहतर होता कि एनजीटी ने दिल्ली में सरकार से अपने सभी पुराने वाहनों को बदलने के लिए कहा होता। इसके अलावा, यदि पर्यावरण की असली चिंता है तो डीजल पर चलने वाले ट्रेन इंजनों को रोका जाना चाहिए। दिल्ली में विमानों को रोका जाये।’’

भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के अध्यक्ष एम सिंह राय ने कहा, ‘‘ट्रैक्टर हमारे बेटों की तरह हैं। हम शहर में ट्रैक्टर नहीं चलाते हैं। हम उनके साथ खेतों में काम करते हैं। किसान 20-25 साल तक ट्रैक्टर का इस्तेमाल करते हैं। उनके पास नए खरीदने के लिए पैसे नहीं होते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर सरकार को पुराने वाहनों की चिंता है, तो उसे किसानों को नए ट्रैक्टर उपलब्ध कराने चाहिए।’’

मोगा के एक किसान प्रदर्शनकारी रणजीत सिंह ने कहा, ‘‘सरकार केवल उन कानूनों को लाती है जो किसानों के खिलाफ हैं। ट्रैक्टर हमारे लिए केवल एक मशीनरी नहीं है। यह हमारे लिए एक परिवार के सदस्य की तरह है जो हमें अपनी आजीविका कमाने में मदद करता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ट्रैक्टर 20 साल तक ठीक चलते हैं। थोड़ी अधिक देखभाल और रखरखाव के साथ, उन्हें 25-30 वर्षों तक उपयोग किया जा सकता है।

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Web Title: Farmers protest an earlier NGT order banning diesel vehicles

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