किसान आंदोलन: केंद्र ने किसानों की मांगों से सहमत होते हुए औपचारिक पत्र जारी किया

By भाषा | Updated: December 9, 2021 21:22 IST2021-12-09T21:22:41+5:302021-12-09T21:22:41+5:30

Farmer's movement: Center issued a formal letter agreeing to the demands of the farmers | किसान आंदोलन: केंद्र ने किसानों की मांगों से सहमत होते हुए औपचारिक पत्र जारी किया

किसान आंदोलन: केंद्र ने किसानों की मांगों से सहमत होते हुए औपचारिक पत्र जारी किया

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को एक औपचारिक पत्र भेज कर उसकी लंबित मांगों को स्वीकार करने की सहमति जताई है।

कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने एसकेएम को पत्र लिखा है और किसानों से अपना प्रदर्शन खत्म करने की अपील की है।

पत्र में किसानों की पांच मुख्य मांगों का जिक्र किया गया है, जो पिछले महीने संसद में तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने के बाद लंबित हैं।

इसमें यह जिक्र किया गया है कि प्रधानमंत्री ने और बाद में केंद्रीय कृषि मंत्री ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एक समिति गठित करने की घोषणा की, जिसमें केंद्र व राज्य सरकारों के अधिकारी सदस्य होंगे तथा किसान संघों के प्रतिनिधि एवं कृषि वैज्ञानिक भी होंगे।

पत्र में कहा गया है, ‘‘यह स्पष्ट किया जाता है कि इस समिति में एसकेएम के भी सदस्य होंगे...देश में एमएसपी पर फसलों की खरीद पर यथास्थिति कायम रखी जाएगी। ’’

एसकेएम, 40 किसान यूनियन का नेतृत्व कर रहा है। उसने बृहस्पतिवार को किसान आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया। साथ ही, दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन स्थलों से 11 दिसंबर को किसानों के घर लौटने की घोषणा भी की।

किसान नेताओं ने कहा है कि वे यह देखने के लिए 15 जनवरी को फिर से बैठक करेंगे कि सरकार ने उनकी मांगें पूरी की है, नहीं।

पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा की सरकारें तत्काल प्रभाव से किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने को राजी हो गई है।

पत्र में कहा गया है कि केंद्र ने किसानों को यह सूचित किया है कि हरियाणा और उप्र सरकारों ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजन को मुआवजा मुहैया करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।

इसने यह भी स्पष्ट किया है कि विद्युत संशोधन विधेयक संसद में तब तक पेश नहीं किया जाएगा, तब तक कि सरकार किसानों पर प्रभाव डालने वाले प्रावधानों पर एसकेएम व अन्य हितधारकों के साथ बातचीत नहीं कर लेती है।

केंद्र ने पत्र में कहा है कि पराली जलाने को पहले ही अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया है।

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Web Title: Farmer's movement: Center issued a formal letter agreeing to the demands of the farmers

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