ऑक्सीजन की कमी के बारे में झूठे संदेशों के चलते तंत्र पर दबाव बढ़ा: दिल्ली उच्च न्यायालय

By भाषा | Updated: May 5, 2021 23:32 IST2021-05-05T23:32:16+5:302021-05-05T23:32:16+5:30

False messages about the lack of oxygen put pressure on the system: Delhi High Court | ऑक्सीजन की कमी के बारे में झूठे संदेशों के चलते तंत्र पर दबाव बढ़ा: दिल्ली उच्च न्यायालय

ऑक्सीजन की कमी के बारे में झूठे संदेशों के चलते तंत्र पर दबाव बढ़ा: दिल्ली उच्च न्यायालय

नयी दिल्ली, पांच मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा ऑक्सीजन की कमी के बारे में झूठे चेतावनी संदेश नहीं दिए जाने चाहिए क्योंकि इससे पहले से ही दबाव झेल रहे सरकारी तंत्र पर अनावश्क रूप से बोझ और बढ़ जाता है।

इसके साथ ही अदालत ने दिशा-निर्देश तय किए कि कब इस तरह के एसओएस (त्राहिमाम संदेश) जारी किए जाएंगे।

अदालत ने कहा कि जब अस्पताल के पास छह घंटे या उससे कम समय की ऑक्सीजन बाकी हो, तो उसे पहले अपने आपूर्तिकर्ता से संपर्क करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अगर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो अस्पताल को नोडल अधिकारी को सूचना देनी चाहिए। इसके बाद भी आपूर्ति प्राप्त नहीं होने और केवल तीन घंटे की ऑक्सीजन बची होने की सूरत में वे न्याय मित्र एवं वरिष्ठ वकील राजशेखर राव या वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा या दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील सत्यकाम से संपर्क कर सकते हैं।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा, '' इससे पहले भी हमने पाया है कि झूठे चेतावनी संदेश जारी नहीं किए जाने चाहिए क्योंकि ऐसा करने से पहले से दबाव झेल रहे सरकारी तंत्र पर अनावश्यक बोझ पड़ता है।

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Web Title: False messages about the lack of oxygen put pressure on the system: Delhi High Court

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