2023 के कर्नाटक विस चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी सामने आई

By भाषा | Published: June 23, 2021 07:52 PM2021-06-23T19:52:11+5:302021-06-23T19:52:11+5:30

Factionalism came to the fore in the state Congress regarding the face of the chief minister in the 2023 Karnataka elections. | 2023 के कर्नाटक विस चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी सामने आई

2023 के कर्नाटक विस चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी सामने आई

बेंगलुरु, 23 जून कर्नाटक में 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए मुख्यमंत्री पद के चेहरे के मुद्दे पर कांग्रेस प्रदेश इकाई में गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। पार्टी के प्रदेश प्रमुख डी के शिवकुमार ने कहा कि विधायक दल के नेता सिद्धारमैया कुछ विधायकों के ऐसे खुले बयानों को देखेंगे जबकि सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें इसकी चिंता नहीं है।

दो और विधायकों ने बुधवार को विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में सिद्धारमैया के नाम का प्रस्ताव रखा।

रामप्पा और आर अखंड श्रीनिवास मूर्ति ने सिद्धारमैया के नाम का प्रस्ताव रखा जबकि पार्टी नेतृत्व ने इस तरह के बयान देने के खिलाफ निर्देश दिये हैं। चार अन्य विधायक इससे पहले सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश करने का समर्थन कर चुके हैं।

कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख डी के शिवकुमार ने पार्टी नेताओं से मुलाकात के बाद नयी दिल्ली से लौटने के बाद कहा कि विधायक दल के नेता सिद्धारमैया मामले पर कुछ विधायकों के इस तरह के खुले बयानों को देखेंगे जबकि सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें चिंता नहीं है।

कांग्रेस पार्टी के नेताओं का एक वर्ग पार्टी के 2023 में सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया के नाम पर जोर दे रहा है, जबकि पार्टी के भीतर कुछ लोग शिवकुमार को इस पद पर देखना चाहते हैं।

घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवकुमार ने कहा कि पार्टी आलाकमान ने वह कहा है जो उसे कहना है और विधायक दल के नेता विधायकों द्वारा की गई टिप्पणियों को देखेंगे।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पार्टी में अभी किसी भी दौड़ के लिए कोई सीट खाली नहीं है... दौड़ भाजपा को हराने और कांग्रेस को सत्ता में लाने की है, इसके लिए हमें इसके लिए अपना समय देना होगा, यदि हम ऐसा नहीं करेंगे तो समय बर्बाद करेंगे।’’

इन बयानों पर सवाल पूछे जाने पर कि पार्टी केवल सिद्धारमैया के नेतृत्व में ही सत्ता में आ सकती है और शिवकुमार के पास बाद में मुख्यमंत्री बनने की उम्र है, शिवकुमार ने कहा कि उनका एकमात्र लक्ष्य पार्टी को सत्ता में लाना है।

उन्होंने कहा, ‘‘... क्या मुझे जल्दबाजी है (मुख्यमंत्री बनने के लिए)? क्या मैंने कभी कहा है कि मैं मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं? मेरा एकमात्र लक्ष्य पार्टी को सत्ता में लाना है। मैंने कहा है- विधान सौध में प्रवेश करने के लिए सहायक उपाय के तौर पर मेरा इस्तेमाल करें।’’

शिवकुमार ने दिल्ली का दौरा किया था और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राज्य प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित पार्टी के केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने राज्य के घटनाक्रमों, संगठनात्मक मामलों और नेतृत्व के मुद्दे पर सिद्धारमैया के समर्थक विधायकों द्वारा खुले बयानों पर चर्चा की थी।

सिद्धारमैया ने अपने सहयोगियों द्वारा उन्हें अगले मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने के बार-बार के बयानों को उनके निजी विचार बताया है। उन्होंने आज कहा कि उन्हें इसके बारे में चिंता नहीं है।

विधायकों द्वारा उन्हें अगले मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मैं इसके बारे में कुछ नहीं कर सकता। मुझे इसकी कोई चिंता नहीं है।"

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, सिद्धारमैया के पार्टी के केंद्रीय नेताओं से मिलने के लिए जल्द ही दिल्ली आने की संभावना है।

कांग्रेस विधायक बी जेड ज़मीर अहमद खान (चमराजपेट), राघवेंद्र हितनल (कोप्पल), गणेश (काम्पली) और भीमा नाइक (हगरीबोम्मनहल्ली) के बाद, दो और विधायकों रामप्पा और पुलकेशीनगर के आर अखंड श्रीनिवास मूर्ति ने आज खुले तौर पर मुख्यमंत्री के तौर पर सिद्धारमैया के पक्ष में अपनी राय व्यक्त की।

रामप्पा ने कहा, ‘‘सिद्धारमैया को (मुख्यमंत्री) बनने दो, इसके लिए डी के शिवकुमार की उम्र अभी है। जनता की राय भी यही है कि सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनना चाहिए, आप युवाओं से पूछें कि वे भी ऐसा ही कह रहे हैं। इसलिए 2023 में सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनने दें, डी के (शिवकुमार) बाद में मौका मिल सकता है।’’

अखंड श्रीनिवास मूर्ति ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए।

ये बयान सुरजेवाला और शिवकुमार के पार्टी विधायकों और नेताओं को इस तरह की खुली टिप्पणी नहीं करने के निर्देश के बावजूद आए हैं।

शिवकुमार के भाई और बेंगलुरू ग्रामीण से सांसद डी के सुरेश ने बुधवार को कहा कि इस तरह के बयान वे लोग दे रहे हैं जो सत्ता के लिए पार्टी में आए हैं और कोई भी अनुशासित पार्टी कार्यकर्ता ऐसी चीजों में शामिल नहीं होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव दूर है। हम अभी विपक्ष में हैं। हमें पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए। इस तरह के बयान लोगों और कार्यकर्ताओं के बीच भ्रम पैदा करते हैं। वे इसे प्रचार के लिए कर रहे हैं।’’

सिद्धारमैया को ‘‘अगले मुख्यमंत्री’’ के रूप में पेश करने वाले जमीर अहमद खान के बार-बार बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिवकुमार ने हाल ही में कहा था कि पार्टी सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी और सभी को ‘‘सीमा के भीतर रहने’’ के लिए कहा गया है।

शिवकुमार का बचाव करते हुए केपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष जी परमेश्वर ने कहा है कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो कांग्रेस नेतृत्व मुख्यमंत्री के उम्मीदवार पर फैसला करेगा।

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Web Title: Factionalism came to the fore in the state Congress regarding the face of the chief minister in the 2023 Karnataka elections.

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