छुट्टियां लेने के मामले में सबसे पीछे हैं भारतीय कर्मचारी, रिपोर्ट में हुआ खुलासा
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 22, 2018 07:49 AM2018-11-22T07:49:48+5:302018-11-22T07:49:48+5:30
Expedia Vacation Deprivation Report 2018: 64 प्रतिशत भारतीय इस कारण भी छुट्टियां नहीं ले पाते हैं कि छुट्टी से लौटने के बाद उनके ऊपर काम का भारी दबाव हो जाता है. यह भी पता चला है कि 17 प्रतिशत भारतीयों ने पिछले एक साल से एक भी छुट्टी नहीं ली है.
मुंबई, 22 नवंबर: विश्व भर में भारतीय लोगों के समक्ष अवकाश की सर्वाधिक कमी है. एक रिपोर्ट के अनुसार करीब 75 भारतीय अवकाश की कमी से जूझ रहे हैं. 41 प्रतिशत लोगों को काम से फुर्सत नहीं मिलती. इस कारण पिछले छह महीने में छुट्टी लेने का मौका नहीं मिला.
एक्सपीडिया की अवकाश कमी रिपोर्ट 2018 के अनुसार भारत में सर्वाधिक 75 प्रतिशत लोग अवकाश की कमी का सामना कर रहे हैं. भारत के बाद 72 प्रतिशत के साथ दक्षिण कोरिया और 69 प्रतिशत के साथ हांगकांग क्रमश: दूसरे एवं तीसरे स्थान पर हैं. भारत में कर्मचारी अपनी पूरी छुट्टियों का भी उपयोग नहीं कर पाते हैं. इस मामले में जापान, इटली, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बाद भारत का स्थान है. एक्सपीडिया इंडिया के विपणन प्रमुख मनमीत अहलूवालिया ने कहा, ''हमने भारत में नियोक्ताओं की ओर से अवकाश के मामले में समर्थन के रवैये में वृद्धि देखी है.
हालांकि, कर्मचारी अब भी अपनी पूरी छुट्टियां नहीं ले पा रहे हैं. क्योंकि उन्हें महत्वपूर्ण निर्णयों से बाहर रह जाने या कम समर्पित समझ लिए जाने का भय लगा रहता है या फिर उन्हें अपने साथी के साथ घूमने का समय व्यवस्थित नहीं हो पाता है. हमारे अध्ययन में 18 प्रतिशत लोगों ने यह भी माना है कि जो लोग काम में सफल हैं वे छुट्टियां नहीं लेते हैं.'' उन्होंने कहा कि 64 प्रतिशत भारतीय इस कारण भी छुट्टियां नहीं ले पाते हैं कि छुट्टी से लौटने के बाद उनके ऊपर काम का भारी दबाव हो जाता है. यह भी पता चला है कि 17 प्रतिशत भारतीयों ने पिछले एक साल से एक भी छुट्टी नहीं ली है. हालांकि, 55 प्रतिशत भारतीयों ने यह माना है कि छुट्टियों में कमी से उनकी उत्पादकता प्रभावित होती है.