Exclusive: एजीआर पर किश्तों का फैसला कैबिनेट में आने की उम्मीद, बुधवार को हो सकती है चर्चा

By संतोष ठाकुर | Updated: March 9, 2020 17:01 IST2020-03-09T17:01:25+5:302020-03-09T17:01:25+5:30

इसके तहत कंपनियों को इस संकट से उबारने के लिए एजीआर राशि किश्तों में देने पर मंत्रिमंडल से चर्चा की जाएगी। यह माना जा रहा है कि दूरसंचार मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को तैयार कर लिया है और संभवत: बुधवार को होने वाली कैबिनेट में ही इस विषय पर चर्चा हो सकती है।

Exclusive: AGR installments is expected in the cabinet decision may be discussed on Wednesday | Exclusive: एजीआर पर किश्तों का फैसला कैबिनेट में आने की उम्मीद, बुधवार को हो सकती है चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

Highlightsरसंचार सचिव अंशु प्रकाश की अध्यक्षता वाली डीसीसी में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और वित्त मंत्रालय के सचिव भी सदस्य हैं। वित्त मंत्रालय ने भी अंत में कंपनियों को राहत देने पर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है।

नई दिल्ली: एजीआर, सकल समायोजित राशि, पर संकट में फंसे टेलीकॉम उद्योग को राहत देने के लिए दूरसंचार मंत्रालय कैबिनेट के समक्ष एक प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत कंपनियों को इस संकट से उबारने के लिए एजीआर राशि किश्तों में देने पर मंत्रिमंडल से चर्चा की जाएगी।

यह माना जा रहा है कि दूरसंचार मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को तैयार कर लिया है और संभवत: बुधवार को होने वाली कैबिनेट में ही इस विषय पर चर्चा हो सकती है। इसकी वजह यह है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप 17 मार्च तक कंपनियों को एजीआर की समस्त राशि, एक लाख करोड़ रूपये से अधिक की राशि, चुकाने का निर्देश है। ऐसे में अगर सरकार को अगर उन्हें कोई राहत देनी है तो उससे पहले ही इस पर फैसला करना होगा।

अधिकारियों के मुताबिक कंपनियों को एजीआर राशि किश्तों में देने की राहत को लेकर हाल ही में संपन्न डिजीटल कम्युनिकेशन कमीशन, डीसीसी, की बैठक में भी सैद्धांतिक सममति बन गई थी। दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश की अध्यक्षता वाली डीसीसी में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और वित्त मंत्रालय के सचिव भी सदस्य हैं। हालांकि इस बैठक के नतीजों को लेकर दूरसंचार मंत्रालय ने कोई भी सूचना साझा नहीं की थी।

यही नहीं, सार्वजनिक स्तर पर इस चर्चा को भी बने रहने दिया गया कि वित्त मंत्रालय ऐसी किसी भी राहत को लेकर विरोध कर रहा है। जिससे टेलीकॉम कंपनियों को किसी भी तरह की राहत मिलने में समस्या आ रही है।

2 लाख नौकरी खत्म होने का संकट 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऐसे समय में जब आर्थिक परिदृश्य खराब है और कोरोना वायरस की वजह से आने वाले समय में स्थिति और विकराल होने की संभावना है, सरकार नहीं चाहती है कि कोई भी कंपनी बंद हो। देश में रोजगार जाने के अधिक मामले उत्पन्न हो। ऐसे में अगर सरकार की ओर से टेलीकॉम कंपनियों को कोई राहत नहीं मिलती है तो इसका सबसे बड़ा असर वोडाफोन पर होगा। अगर कंपनी अपनी तालाबंदी का निर्णय करती है तो लगभग 2 लाख नौकरी खत्म होने का संकट उत्पन्न हो जाएगा। इससे देश की आर्थिक स्थिति और खराब होगी। 

यही वजह है कि वित्त मंत्रालय ने भी अंत में कंपनियों को राहत देने पर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। हालांकि उसने यह भी कहा कि इस पर कोई भी निर्णय कैबिनेट में ही लिया जाए । ऐसा नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन जरूरी होगा। एक बार कैबिनेट से निर्णय के पास होने पर वह कानून का रूप ले लेगा। जिससे अदालती आदेश से कंपनियों को बचाया जा सकेगा। 

वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह दूरसंचार मंत्रालय को तय करना है कि वह कितनी जल्दी इस मामले पर प्रस्ताव कैबिनेट तक ले जाता है। इधर, दूरसंचार मंत्रालय के अधिकारियों ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इनकार करते हुए कहा कि यह मामला अति संवेदनशील है। ऐसे में वह इस पर कुछ भी नहीं कह सकते हैं।

Web Title: Exclusive: AGR installments is expected in the cabinet decision may be discussed on Wednesday

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे