इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फिरोजाबाद से पूर्व विधायक अजीम भाई की जमानत याचिका सोमवार को मंजूर कर ली। एक बस की सीट जलाने के मामले में अजीम भाई को निचली अदालत ने 10 साल कैद की सजा सुनायी थी। अजीम भाई की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अजय त्यागी ने कहा, “इस मामले के गुण दोष पर कोई टिप्पणी किए बगैर और तथ्यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए इस अदालत का मत है कि अपीलकर्ता जमानत पर रिहा होने का पात्र है।” अपीलकर्ता के वकील विकास त्रिपाठी ने अदालत के समक्ष दलील दी कि उनके मुवक्किल के साथ ही अन्य दो आरोपियों पर भी अलग-अलग मुकदमा चलाया गया और उन्हें निचली अदालत ने बरी कर दिया। त्रिपाठी ने यह दलील भी दी कि उस बस के ड्राइवर और कंडक्टर ने साक्ष्य में स्पष्ट रूप से बताया है कि इतने लोगों की भीड़ में वे बस की सीट में आग लगाने का अपराध करने वाले व्यक्ति को पहचान नहीं सके। उन्होंने कहा कि उनका मुवक्किल निर्दोष है और उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है। वह 29 जनवरी, 2020 से जेल में बंद है।
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