नागरिकता संशोधन बिल पर बोले पूर्व CJI लोढ़ा, 'धर्म के आधार पर बहिष्कार संविधान की कसौटी पर खरा नहीं उतरता'

By अभिषेक पाण्डेय | Published: December 10, 2019 11:52 AM2019-12-10T11:52:30+5:302019-12-10T11:53:28+5:30

Ex CJI RM Lodha: पूर्व चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा ने नागरिकता संशोधन बिल और हैदराबाद रेप आरोपियों के एनकाउंटर पर दी प्रतिक्रिया

Ex CJI RM Lodha reacts to Citizenship Amendment Bill and Hyderabad rape accused Encounter | नागरिकता संशोधन बिल पर बोले पूर्व CJI लोढ़ा, 'धर्म के आधार पर बहिष्कार संविधान की कसौटी पर खरा नहीं उतरता'

पूर्व चीफ जस्टिस ने की हैदराबाद रेप आरोपियों के एनकाउंटर की आलोचना

Highlightsपूर्व चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा ने की हैदराबाद रेप आरोपियों के एनकाउंटर की आलोचनाजस्टिल लोढ़ा ने कहा कि लोगों का इस एनकाउंटर पर जश्न मनाना स्तब्ध करने वाला है

नागरिकता संशोधन बिल को लेकर जारी बहस पर देश के पूर्व चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा ने कहा है कि धर्म के आधार पर बहिष्कार, संविधान की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है। 

ये बिल सोमवार को लोकसभा में पास हो गया और अब इसे बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के धार्मिक उत्पीड़ित गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।

नागरिकता संशोधन बिल पर क्या बोले पूर्व सीजेआई लोढ़ा

जस्टिस (रिटायर्ड) लोढ़ा ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में नागरिकता संशोधन बिल को लेकर पूछे सवाल पर कहा, 'इस कानून पर कोई विचार रखना अभी जल्दबाजी है क्योंकि हम नहीं जानते हैं कि इस कानून की अंतिम सरंचना क्या होगी। धर्म पर आधारित बहिष्करण संवैधानिक प्रावधानों के मापदंडों पर खरा नहीं उतर सकता है।'

पूर्व सीजेआई लोढ़ा ने की हैदराबाद एनकाउंटर की आलोचना

हाल ही में हैदराबाद की डॉक्टर से रेप और हत्या के चार आरोपियों के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने पर लोगों के जश्न को लेकर जस्टिस लोढ़ा ने कहा, 'ये स्तब्ध करने वाला है, लगता है लोगों ने कानून-व्यवस्था से भरोसा खो दिया है। ऐसा लगता है कि हम हम्मूराबी संहिता की तरफ बढ़ रहे हैं, जो 17वीं सदी में बेबिलोनिया के राजा का नियम था।' 

उन्होंने कहा, 'उस नियम के प्रस्तावना में कहा गया था, धरती पर न्याय को प्रदर्शित करने के लिए, दुष्ट और बुरा करने वालों को नष्ट कर दो। सजा के लिए आंख के बदले आंख, दांत के बदले दांत, नाखून के बदले नाखून का प्रयोग किया गया। हम उसी भीड़ की मानसिकता की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसा लगता है हमने निष्पक्ष ट्रायल और आपराधिक न्याय प्रणाली की प्रक्रियाओं पर भरोसा खो दिया है, ये सच में दुर्भाग्यपूर्ण है।' 

ये पूछे जाने पर कि उन इस घटना में शामिल रहे पुलिसवालों के साथ क्या किया जाना चाहिए? तो जस्टिस लोढ़ा ने कहा, 'उन्हें कानून के समक्ष लाया जाना चाहिए क्योंकि इससे कोई भी नहीं बच सकता है। कानून को अपना काम करना चाहिए।'

English summary :
Citizenship Amendment Bill: On the ongoing debate on cab bill, former Chief Justice of the country RM Lodha has said that the boycott on the basis of religion does not stand the test of the Constitution.


Web Title: Ex CJI RM Lodha reacts to Citizenship Amendment Bill and Hyderabad rape accused Encounter

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