ईयू प्रतिनिधि ने केंद्र और NHRC के साथ भारत में सांप्रदायिकता, अल्पसंख्यकों की स्थिति, देशद्रोह और जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाया
By विशाल कुमार | Published: April 30, 2022 12:19 PM2022-04-30T12:19:11+5:302022-04-30T12:24:40+5:30
अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को जब इस बैठक की जानकारी देते हुए ट्वीट किया था तब उन्होंने इस मुद्दों पर चर्चा की जानकारी नहीं दी थी।
नई दिल्ली: मानवाधिकारों के लिए यूरोपीय संघ के विशेष प्रतिनिधि इमोन गिलमोर ने इस सप्ताह नई दिल्ली में बैठकों के दौरान केंद्र और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के साथ सांप्रदायिक हिंसा, अल्पसंख्यकों की स्थिति, देशद्रोह और आतंकवाद विरोधी कानूनों के उपयोग और जम्मू कश्मीर के अलावा व्यक्तिगत मामलों के मुद्दों को उठाया।
हालांकि, अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को जब इस बैठक की जानकारी देते हुए ट्वीट किया था तब उन्होंने इस मुद्दों पर चर्चा की जानकारी नहीं दी थी।
नकवी ने कहा था कि अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी वर्गों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा चलाए जा रहे कल्याणकारी कार्यक्रमों के प्रभावी परिणामों से प्रतिनिधिमंडल को अवगत कराया गया।
#India: At meetings with Government, including @naqvimukhtar, Minister for Minorities, I discussed FCRA, use of sedition and anti-terrorism laws, detentions, the situation of minorities, communal violence, situation in Jammu Kashmir, and individual cases https://t.co/nLYfe5bKxv
— Eamon Gilmore (@EamonGilmore) April 29, 2022
शुक्रवार को गिलमोर ने नकवी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी सहित सरकार के साथ बैठकों में मैंने एफसीआरए, राजद्रोह और आतंकवाद विरोधी कानूनों के उपयोग, हिरासत, अल्पसंख्यकों की स्थिति, सांप्रदायिक हिंसा, जम्मू कश्मीर की स्थिति और व्यक्तिगत मामलों पर चर्चा की।
इसके साथ ही उन्होंने एनएचआरसी के ट्वीट के जवाब में भी इन्हीं मुद्दों पर चर्चा की बात जिसमें इन मुद्दों पर चर्चा की जानकारी नहीं दी गई थी।
#India: Thank you @India_NHRC for this meeting, at which we also discussed the NHRC role in relation to FCRA, detentions, bail, sedition and anti-terrorism laws, UAPA, minorities and individual cases. https://t.co/kmluSvVRAr
— Eamon Gilmore (@EamonGilmore) April 29, 2022
गिलमोर ने देश छोड़ने से कुछ देर पहले और रायसीना डायलॉग में भाग लेने के बाद दोनों ट्वीट पोस्ट किए। इन बैठकों में जो हुआ उस पर दोनों ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया।
लेकिन अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के सूत्रों ने दावा किया कि नकवी ने गिलमोर को बताया था कि 2014 के बाद से भारत में कोई बड़ा सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार केंद्र सरकार की कमान संभाली थी।
कहा जाता है कि नकवी ने मोदी और भारत को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया और जोर देकर कहा कि अलग-अलग आपराधिक घटनाओं को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है।
यह पहली बार नहीं है जब गिलमोर ने भारत में होने वाली घटनाओं पर टिप्पणी की है। उन्होंने पिछले साल जेल में जेसुइट फादर स्टेन स्वामी की मौत के खिलाफ आवाज उठाई थी।