'भारत के साथ संबंधों के लिए यूरोपीय संघ कर रहा है नई रणनीति पर काम'
By भाषा | Published: September 14, 2018 08:17 PM2018-09-14T20:17:18+5:302018-09-14T20:17:18+5:30
कोजलोवस्की ने बृहस्पतिवार को एक सेमिनार में कहा, ‘‘हम इस बात से इंकार नहीं करते कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के सामने मूलभूत चुनौतियां हैं और हम जानते हैं कि राजनीति और कूटनीति में जो चीज हम करते हैं उनमें हम सभी को सामंजस्य बिठाना पड़ता है।’’
नई दिल्ली, 14 सितम्बरः यूरोपीय संघ भारत के साथ संबंधों के लिए ‘‘नयी रणनीति’’ अपनाने पर विचार कर रहा है और वह यूरोप तथा एशिया को जोड़ने के वास्ते एक नीति जारी करेगा। यह बात यूरोपीय संघ के राजदूत ने कही।
भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत टोमास्ज कोजलोवस्की ने कहा कि अक्टूबर 2017 में पिछले ईयू-भारत शिखर सम्मेलन में नेताओं के बीच सहमति बनी थी कि दोनों पक्ष एक-दूसरे के साथ काम करने के लिए इच्छुक हैं और सभी संबंधित पक्षों के साथ नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था कायम करने का समर्थन करते हैं जहां अंतरराष्ट्रीय नियम, वैश्विक शांति और स्थिरता कायम रहे।
उन्होंने कहा कि भारत के साथ संबंधों के लिए ‘‘नयी रणनीति’’ अपनाने की ईयू की योजना से यूरोप और एशिया को जोड़ने की रणनीति बनेगी और अक्तूबर में ब्रुसेल्स में एशिया-यूरोप बैठक का आयोजन होगा। उन्होंने रणनीति का ब्यौरा नहीं दिया।
कोजलोवस्की ने बृहस्पतिवार को एक सेमिनार में कहा, ‘‘हम इस बात से इंकार नहीं करते कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के सामने मूलभूत चुनौतियां हैं और हम जानते हैं कि राजनीति और कूटनीति में जो चीज हम करते हैं उनमें हम सभी को सामंजस्य बिठाना पड़ता है।’’ सेमिनार का विषय ‘ईयू और भारत -- नये अंतरराष्ट्रीय माहौल में स्थिरता के साझेदार’’ था।
समारोह में विदेश मंत्रालय पश्चिम की सचिव रूचि घनश्याम ने कहा कि ईयू और भारत समान विचार वाले साझीदार हैं जो लोकतंत्र, अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और मानवाधिकार पर एक जैसा विचार रखते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ईयू और भारत के बीच 30 वार्ताओं की व्यवस्था है।
घनश्याम ने कहा कि ‘‘अर्थव्यवस्था का कोई क्षेत्र और समाज का कोई भी पहलू नहीं है जो इस व्यवस्था के तहत नहीं आता है।’’ उन्होंने कहा कि ईयू और भारत नैसर्गिक साझीदार हैं जो एक समान मूल्य साझा करते हैं।