EPF Withdrawal: कोरोना महामारी संकट के कारण देश में इकोनॉमी की हालत खराब है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पीएफ एकाउंट से एडवांस पैसा निकालने की सुविधा प्रदान की है।
मेडिकल ग्राउंड पर ऋण ले सकतेः पूरे भारत में कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दुनिया भर में लोग कोविड से संक्रमित हो रहे हैं। हेल्थ को लेकर हर इंसान चितिंत हैं। वेतनभोगी वर्ग के लिए एक राहत की खबर है। कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाते वाले कर्मचारी पैसे निकाल सकते हैं या मेडिकल ग्राउंड पर ऋण ले सकते हैं।
सदस्य राशि निकाल सकताः कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कहा कि इस महामारी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। कर्मचारी मेडिकल इमरजेंसी, नए घर के निर्माण या खरीद, घर के नवीनीकरण, गृह ऋण की अदायगी और शादी के उद्देश्यों के लिए पैसे निकाल सकते हैं। उपचार उद्देश्य के लिए पैसा निकालना चाहते हैं, वे पति या पत्नी या सदस्य या माता-पिता या बच्चों के लिए चिकित्सा आपातकाल की जमीन के तहत वापस ले सकेंगे। वास्तव में, अगर कोई कर्मचारी या उसके माता-पिता, पति या पत्नी या बच्चे कोविड के कारण बीमार पड़ गए, तो सदस्य राशि निकाल सकता है।
न्यूनतम सेवा अवधि लागू नहींः कोई कर्मचारी मासिक वेतन या कर्मचारी के हिस्से को ब्याज के साथ (जो भी कम हो) ईपीएफ से कोविड सहित चिकित्सा उपचार के लिए वापस ले सकता है। इस प्रकार के ईपीएफ आहरण पर कोई लॉक-इन अवधि या न्यूनतम सेवा अवधि लागू नहीं होती है।
कोविड उपचार के लिए ईपीएफ निकासी के लिए आवश्यक दस्तावेजः
कर्मचारी के पास यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) होना चाहिए।
कर्मचारी के बैंक खाते का विवरण उसके ईपीएफ खाते से मेल खाना चाहिए।
हमेशा याद रखें कि EPF निकासी निधि को तीसरे पक्ष के बैंक खाते में स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।
यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पिता का नाम और कर्मचारी की जन्मतिथि उस प्रमाण के साथ स्पष्ट रूप से मेल खाना चाहिए, जो उधारकर्ता जमा करने का निर्णय लेता है।
कितनी निकल सकती है राशि
आपके PF खाते में मौजूद बैलेंस (कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के हिस्से) के 75 फीसदी तक, या वेतन के तीन महीने के बराबर, जो भी कम हो, रकम आप निकाल सकते हैं।
करीब 8 करोड़ कर्मचारी भविष्य निधि खाता धारकों को राहत
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने हाल में करीब 8 करोड़ कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाता धारकों को राहत देते हुए उनके जमा की एडवांस निकासी की सुविधा दी है। ईपीएफओ ने इसके लिए ईपीएफ स्कीम-1952 में बदलाव करते हुए यह कहा कि कर्मचारी अपने खाते में जमा रकम का 75 फीसदी या तीन महीने के वेतन के बराबर रकम निकाल सकते हैं। इस रकम का इस्तेमाल कर्मचारी अपनी जरूरतों के लिए कर सकते हैं और इसे फिर से जमा करने की जरूरत नहीं होगी।