प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संप्रग के शासनकाल में कथित रूप से हुए नागरिक उड्डयन घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम से पूछताछ की।
अधिकारियों ने बताया कि धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत चिदंबरम का बयान दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि यह पूछताछ यहां एजेंसी के कार्यालय में करीब छह घंटे तक चली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता को इस मामले में संघीय जांच एजेंसी ने पिछले साल 23 अगस्त को बुलाया था, लेकिन उस समय वह कथित आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई की हिरासत में थे।
मामला करोड़ों रुपये के कथित उड्डयन घोटाले और अंतरराष्ट्रीय एअरलाइनों के लिए हवाई स्लॉट निर्धारित करने में अनियमितताओं के चलते एअर इंडिया को हुए कथित नुकसान से संबंधित है। इस मामले में ईडी की जांच राष्ट्रीय एअरलाइन के लिए लगभग 70 हजार करोड़ रुपये में 110 विमान खरीदने से भी जुड़ी है।
कैग ने 2011 में सरकार द्वारा हवाई जहाज खरीदने के फैसले पर सवाल किए थे। ईडी ने इस मामले में पूर्व उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल से पूछताछ की है और समझा जाता है कि एजेंसी चिदंबरम से भी इस मामले में पूछताछ करना चाहती थी। अधिकारियों ने कहा कि चिदंबरम इन सौदों के लिए बनाए गए मंत्रियों के एक अधिकारप्राप्त समूह का नेतृत्व कर रहे थे और इसलिए सरकार द्वारा निर्णय लेने की प्रक्रिया को जानने के लिए उनसे पूछताछ जरूरी है।
आरोप है कि विदेशी विमान विनिर्माण कंपनियों को फायदा पहुंचाने के वास्ते सरकारी कंपनियों के लिए 70,000 करोड़ रुपये के 111 विमान खरीदे गए थे। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि ऐसी खरीददारी से पहले से ही संकट से गुजर रही सरकारी विमानन कंपनी को कथित वित्तीय नुकसान हुआ।
CAG ने 2011 में सरकार के 2006 में करीब 70,000 करोड़ रुपये में एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के लिए एयरबस और बोइंग से 111 विमान खरीदने के फैसले के औचित्य पर सवाल उठाया था।