एल्गार परिषद-भीमा कोरेगांव मामला: आरोपी के पास टॉल्सटॉय की नहीं, बिश्वजीत रॉय की निकली 'वॉर एंड पीस' किताब, जज ने कहा- हैरान हूं

By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: August 29, 2019 17:38 IST2019-08-29T17:38:20+5:302019-08-29T17:38:20+5:30

एल्गार परिषद-भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी शिक्षाविद् वेर्नोन गोंजाल्विस के पास से प्राप्त किताब वॉर एंड पीस को लेकर नई जानकारी सामने आई है, जिसे जानकर जज ने भी हैरानी जताई।

Elgar Parishad-Bhima Koregaon case: Vernon Gonsalves has book of Bishwajit Roy 'War and Peace, not of Tolstoy | एल्गार परिषद-भीमा कोरेगांव मामला: आरोपी के पास टॉल्सटॉय की नहीं, बिश्वजीत रॉय की निकली 'वॉर एंड पीस' किताब, जज ने कहा- हैरान हूं

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsएल्गार परिषद-भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी वेर्नोन गोंजाल्विस के पास रूसी लेखक लियो टॉल्सटॉय की नहीं, बल्कि बिस्वजीत रॉय की किताब 'वॉर एंड पीस इन जंगलमहल' निकली।आरोपी के वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट के बताया कि मीडिया ने गलत रिपोर्टिंग की। न्यायमूर्ति ने कहा- यह जानकर हैरान हूं।

एल्गार परिषद-भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में भड़काऊ साहित्य और सीडी रखने के आरोपी शिक्षाविद् वेर्नोन गोंजाल्विस के पास रूसी लेखक टॉल्सटॉय की किताब 'वॉर एंड पीस' होने की बात कही जा रही थी, जिसे लेकर नई जानकारी सामने आई है। बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जज ने वेर्नोन गोंजल्विस से इस किताब के बारे में सफाई मांगी थी। सुनवाई के दौरान हुए जिक्र के कारण यह किताब मीडिया और सोशल मीडिया की सुर्खियां बन गई लेकिन एक दिन बाद जानकारी आई है कि वेर्नोन गोंजाल्विस के पास रूसी लेखक टॉल्सटॉय की किताब नहीं, बल्कि इसी से मिलते-जुलते शीर्षक वाली लेखक विश्वजीत रॉय की किताब 'वॉर एंड पीस इन जंगमहल: पीपल, स्टेट एंड माओइस्ट' है।

गोंजाल्विस के वकील युग चौधरी ने गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि मीडिया ने किताब को लेकर गलत रिपोर्टिंग की, जिसके कारण कोर्ट ने आरोपी के पास लियो टॉल्सटॉय की किताब की कॉपी होने के बारे में सवाल पूछा। 

युग चौधरी ने कहा, ''आरोपी वर्नोन गोंजाल्विस के पंचनामा में मिली किताब बिस्वजीत रॉय की 'वॉर एंड पीस इन जंगलमहल: पीपुल, स्टेट एंड माओइस्ट' है, लियो टॉल्स्टॉय की 'वॉर एंड पीस' नहीं।"

इस पर हाईकोर्ट के जज ने कहा कि मीडिया द्वारा जो रिपोर्ट किया जा रहा है कि वह संस्थान (बॉम्बे हाईकोर्ट) को परेशान करने वाला है। न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल ने कहा, ''जो रिपोर्टि किया गया उसे जानकर हैरान हूं।''


बता दें कि 31 दिसंबर 2017 को महाराष्ट्र के पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव गांव के पास जातीय हिंसा में एक शख्स की मौत हो गई थी और कई लोग जख्मी हो गए थे। आरोप है कि भीमा-कोरेगांव हिंसा से एक दिन पहले एल्गार परिषद संगठन द्वारा भड़काऊ भाषण दिए गए थे। इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को इस बिनाह पर गिरफ्तार किया था कि उनके पास भड़काऊ सामग्री है। पुलिस ने उनके पास से किताब और सीडी वगैरह बरामद भी किए थे। इस मामले में गिरफ्तार होने वालों में शोमा सेन, रोना विल्सन, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरा और गौतम नवलखा के नाम भी शामिल हैं। इन लोगों के नक्सलियों से जुड़े होने की आशंका के बारे में पुलिस जांच कर रही हैं।

Web Title: Elgar Parishad-Bhima Koregaon case: Vernon Gonsalves has book of Bishwajit Roy 'War and Peace, not of Tolstoy

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