एल्गार मामला: एनआईए ने स्टेन स्वामी की जमानत अर्जी का विरोध किया, माओवादी बताया

By भाषा | Updated: June 17, 2021 21:34 IST2021-06-17T21:34:21+5:302021-06-17T21:34:21+5:30

Elgar case: NIA opposes Stan Swamy's bail plea, says Maoist | एल्गार मामला: एनआईए ने स्टेन स्वामी की जमानत अर्जी का विरोध किया, माओवादी बताया

एल्गार मामला: एनआईए ने स्टेन स्वामी की जमानत अर्जी का विरोध किया, माओवादी बताया

मुंबई, 17 जून राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने जेसुइट पादरी और कार्यकर्ता स्टेन स्वामी की बंबई उच्च न्यायालय में दायर जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि एल्गार परिषद मामले के आरोपी एक "माओवादी" हैं, जो नक्सलवाद फैलाने की गतिविधियों में लिप्त रहे और "सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए एक गहरी साजिश का हिस्सा रहे हैं।"

केंद्रीय एजेंसी ने उच्च न्यायालय से स्वामी (84) की याचिका को खारिज करने का आग्रह करते हुए कहा कि उनके द्वारा लगाया गया सबूतों को गढ़ने का आरोप, तथा साजिश में भूमिका और अन्य इल्जाम से इनकार सत्य को झूठ के साथ भ्रमित करने और सबूतों और वास्तविकता के इर्द-गिर्द धुंध पैदा करने की कोशिश है।

अदालत में इस हफ्ते के शुरू में दायर किए गए हलफनामे में एनआईए ने स्वामी की अपील का विरोध किया है जो उन्होंने अपने वकील वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर देसाई के जरिए दायर की है। अपील में स्वामी ने उन्हें स्वास्थ्य आधार पर और एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले के गुण दोष पर जमानत नहीं देने के विशेष अदालत के आदेश को चुनौती दी है।

स्वामी कई बार उच्च न्यायालय को बता चुके हैं कि वह पार्किंसन रोग (मस्तिष्क संबंधी विकार) और अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं। उनका मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है जहां अस्पताल की एक रिपोर्ट के मुताबिक उनकी हालत ‘नाजुक’ है और उन्हें ‘गहन देखभाल की जरूरत है।” हालांकि, अपने हलफनामे में एनआईए ने कहा है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि स्वामी पार्किंसन या किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं।

एनआईए ने कहा है “अपीलकर्ता / आरोपी (स्वामी) ने कथित चिकित्सा दस्तावेज दायर किए हैं। वह कथित पार्किंसन रोग का निर्णायक प्रमाण नहीं है।”

एजेंसी ने कहा, “ इन चिकित्सा दस्तावेजों पर विवाद है, जिसमें 24 सितंबर 2019 के दस्तावेज शामिल हैं। ये रिपोर्टें एक साल से अधिक पुरानी हैं।”

केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि विशेष एनआईए अदालत स्वामी को जमानत देने से इनकार करने के दौरान विवेकपूर्ण थी और अदालत ने इस बात को ध्यान में रखा था कि तलोजा में जेल प्रशासन उन्हें आवश्यक सहायता देने के लिए पूरी तरह समर्थ है। स्वामी को अक्टूबर 2020 में उनकी गिरफ्तारी के बाद से तलोजा जेल में ही रखा गया है।

एनआईए ने कहा कि मामले में एकत्र किए गए इलेक्ट्रॉनिक सबूतों से पता चला है कि स्वामी भाकपा (माओवादी) के एक सक्रिय सदस्य थे और वह और उनके सह-आरोपी राज्य के खिलाफ अपराध करने की गहरी साजिश और लोक शांति भंग करने की साजिश का हिस्सा थे। हलफनामे के मुताबिक, स्वामी और मामले के अन्य आरोपियों का इरादा "माओवाद/नक्सलवाद की विचारधारा" फैलाने का था।

न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एनजे जमादार की पीठ इस साल मार्च में स्वामी को जमानत देने से इनकार करने वाली विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ उनकी अपील की सुनवाई कर रही है। पीठ ने एनआईए का हलफनामा संज्ञान में लेने के बाद सुनवाई तीन जुलाई तक टाल दी थी।

पीठ ने उपनगर बांद्रा के निजी होली फैमिली अस्पताल में स्वामी के रहने की अवधि को भी पांच जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया, जहां उनका आईसीयू में इलाज चल रहा है।

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Web Title: Elgar case: NIA opposes Stan Swamy's bail plea, says Maoist

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