Electoral Bonds data 2nd list LIVE: 21 मार्च तक का समय, सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को आदेश दिया, खरीदार और राजनीतिक दल के बीच संबंध का खुलासा होगा
By सतीश कुमार सिंह | Published: March 18, 2024 12:25 PM2024-03-18T12:25:45+5:302024-03-18T12:30:26+5:30
Electoral Bonds data 2nd list LIVE: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) चुनिंदा रवैया नहीं अपना सकता और उसे चुनावी बॉण्ड की सभी ‘‘संभावित’’ जानकारियों का खुलासा करना पड़ेगा।
Electoral Bonds data 2nd list LIVE: सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक को 21 मार्च तक सभी चुनावी बांड विवरणों का खुलासा करने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने चुनावी बांड मामले में अपने फैसले में बैंक से बांड के सभी विवरण का खुलासा करने को कहा था और उसे अगले आदेश की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। निर्वाचन आयोग ने 17 मार्च को चुनावी बांड पर सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से डिजीटल रूप में प्राप्त डेटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ₹6,986.5 करोड़ की अधिकतम धनराशि प्राप्त हुई।
Electoral Bonds: Supreme Court directs SBI to disclose all details of Electoral Bonds in its procession, including the unique alphanumeric number and the serial number, if any, of the bonds redeemed.
— ANI (@ANI) March 18, 2024
Supreme Court directs the SBI Chairman to file an affidavit by 5 pm, Thursday… pic.twitter.com/hPu9ICCRRm
#UPDATE | Supreme Court dismisses an application seeking direction to the SBI to disclose the Electoral Bonds purchased and redeemed prior to April 12, 2019.
— ANI (@ANI) March 18, 2024
पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (₹1,397 करोड़), कांग्रेस ( ₹1,334 करोड़) की अधिकतम धनराशि प्राप्त हुई। भारत राष्ट्र समिति ( ₹1,322 करोड़) की की अधिकतम धनराशि प्राप्त हुई। इससे पहले 15 मार्च को चुनाव आयोग ने भारतीय स्टेट बैंक से प्राप्त करने के बाद चुनावी बांड पर पहला विस्तृत डेटा जारी किया था। शीर्ष बैंक को SC ने EC को डेटा प्रस्तुत करने के लिए कहा था।
Solicitor General Tushar Mehta asks the Supreme Court to consider issuing some direction in this regard.
— ANI (@ANI) March 18, 2024
CJI DY Chandrachud says, "As judges, we are only on the rule of law and work as per the Constitution. Our court is only to work for the governance of the rule of law in this…
विशिष्ट बॉण्ड संख्याएं भी शामिल हैं जिससे खरीदार और प्राप्तकर्ता राजनीतिक दल के बीच राजनीतिक संबंध का खुलासा होगा। भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय पीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने चुनावी बॉण्ड मामले में अपने फैसले में बैंक से बॉण्ड के सभी विवरण का खुलासा करने को कहा था तथा इस संबंध में और आदेश का इंतजार नहीं करना चाहिए।
Electoral Bonds: The Supreme Court says in the judgment, it had asked the SBI to disclose all details and that includes the Electoral Bond numbers as well.
— ANI (@ANI) March 18, 2024
SBI should not be selective in disclosing the details, says SC. pic.twitter.com/WlG41lMYmG
पीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा, ‘‘हमने एसबीआई से सभी जानकारियों का खुलासा करने के लिए कहा था जिसमें चुनावी बॉण्ड संख्याएं भी शामिल हैं। एसबीआई विवरण का खुलासा करने में चुनिंदा रुख न अपनाए।’’ पिछले सप्ताह न्यायालय ने देश के सबसे बड़े बैंक को अपने निर्देशों के अनुपालन में विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या (यूनीक अल्फा-न्यूमेरिक नंबर) का खुलासा न करने के लिए ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया था और कहा था कि एसबीआई उन संख्याओं के खुलासे के लिए "कर्तव्यबद्ध" था।
उच्चतम न्यायालय ने चुनावी बॉण्ड मामले में औद्योगिकी निकायों, एसोचैम और कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की गैर-सूचीबद्ध याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार किया। उसने बॉण्ड विवरण का खुलासा करने पर उसके फैसले की समीक्षा करने का अनुरोध करने वाले ‘सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन’ (एससीबीए) के अध्यक्ष के पत्र पर विचार करने से भी इनकार कर दिया।
सीजेआई ने एससीबीए अध्यक्ष से कहा, ‘‘आपने मेरी स्वत: संज्ञान संबंधी शक्तियों को लेकर पत्र लिखा है, ये सभी प्रचार संबंधी चीजें हैं, हम इसमें नहीं पड़ेंगे।’’ याचिकाकर्ता गैर लाभकारी संगठन की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि प्रमुख राजनीतिक दलों ने दानदाताओं का विवरण नहीं दिया है, केवल कुछ दलों ने दिया है।
उच्चतम न्यायालय ने 12 अप्रैल 2019 को एक अंतरिम आदेश पारित कर राजनीतिक दल, उन्हें मिले चंदे और आगे मिलने वाले चंदे के बारे में जानकारी एक सीलबंद लिफाफे में निर्वाचन आयोग को देने के लिए कहा था। पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था।