आ गई उप-सभापति चुनाव की तारीख, 2019 से पहले यहां होगा विपक्ष की एकता का टेस्ट
By खबरीलाल जनार्दन | Published: August 6, 2018 12:44 PM2018-08-06T12:44:58+5:302018-08-06T12:46:49+5:30
प्रोफेसर पी जे कूरियन की विदाई के बाद राज्यसभा में यह पद खाली है।
नई दिल्ली, 6 अगस्तः लोकसभा चुनाव 2019 में एकजुट विपक्ष की कल्पना कितनी साकार होने जा रही है, इसका अंदाजा राज्यसभा में उपसभापति के चुनाव के वक्त ही पता चल जाएगा। उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति एम वैंकयानायडू ने राज्यसभा के उप-सभापति चुनावों का ऐलान कर दिया है। समाचार ऐजेंसी एएनआई के ट्वीट के मुताबिक राज्यसभा में आगामी नौ अगस्त यानी बृहस्पतिवार को चुनाव होंगे। उल्लेखनीय है कि यह चुनाव पहले 29 जुलाई को ही होने वाले थे। लेकिन सदन में अविश्वास प्रस्ताव व अन्य कार्यवाहियों के चलते यह टल गया था।
उपसभापति के चुनाव में क्यों हो रही है विपक्षी एकता की बात
राज्यसभा में उपसभापति पी जे कुरियन की विदाई के बाद यह पद खाली हुआ है। पी जे कुरियन कांग्रेस से थे। ऐसे में कांग्रेस हर हाल में उच्च सदन का यह पद अपने पास बरकरार रखना चाहती है और अपने पक्ष में माहौल बना रही है। लेकिन तृणमूल कांग्रेस की नजर इस पद पड़ी हुई है। यही नहीं कुछ अन्य दल भी इस गद्दी पर नजर गड़ाए हुए हैं। और वे दल वही हैं, जिनसे कांग्रेस 2019 के लिए गठबंधन के लिए ताक में लगी है। ऐसे में आपसी खींचतान 2019 से पहले राज्यसभा में देखने को मिल सकता है।
राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं। जिसमें फिलहाल यूपीए के पास कुल 70 सांसद हैं और एनडीए के पास 85। इसके अलावा 69 सांसद ऐसी पार्टियों के पास हैं जिनका इन दोनों से गठबंधन नहीं है। शिवसेना और जेडीयू को हटा दें तो बीजेपी के पास मदद के लिए निहारने को अन्नाद्रमुक, बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति जैसे दल हैं।
वहीं 51 सीटों वाली कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है महागठबंधन के सभी दलों को एक साथ बनाए रखना क्योंकि आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और कई वाम दल विपक्ष को मज़बूत बना रहे हैं लेकिन इसके बावजूद अनेक बीजेपी विरोधी दल हैं जिनका साथ कांग्रेस के लिए ज़रूरी है।
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