लखनऊः चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नोटिस जारी किया है। आयोग ने अखिलेश यादव को 10 नवंबर 2022 तक विवरण प्रस्तुत करने को कहा है, ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके। समाचार एजेंसी एएनआई ने गुरुवार को जानकारी दी।
यादव ने दावा किया था कि चुनाव आयोग ने इस साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले यादव और मुस्लिम समुदायों के लगभग 20,000 मतदाताओं के नाम जानबूझकर हटा दिए थे। आयोग ने अखिलेश को सार्वजनिक मंचों पर उनके लगाए आरोपों को साबित करने के लिए सबूत पेश करने को कहा है।
यादव ने दावा किया था कि चुनाव आयोग ने BJP के इशारे पर लगभग सभी यूपी विधानसभा क्षेत्रों में यादव और मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं के नाम जानबूझकर हटा दिए। उन्हें इतनी बड़ी संख्या में हटाए जाने का विधानसभा के मुताबिक जानकारी प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। इस चुनाव में भाजपा की जीत हुई थी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार दूसरी बार सीएम बने थे।
कथित अनियमितताओं के सवाल पर यादव ने दावा किया कि जब समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आगे चल रहे थे और हर बार भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में 'परिणाम' घोषित किए गए थे, तब राज्य में कई जगहों पर मतों की गिनती रोक दी गई थी या धीमी हो गई थी। उन्होंने उदाहरण के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा सीट वाराणसी (दक्षिण) का निर्वाचन क्षेत्र दिया।