CAA लागू होने के बाद UP में 5वीं का सर्टिफिकेट लेने स्कूल गया बुजुर्ग, लोग अपने पूर्वजों के रिकॉर्ड निकाल रहे: रिपोर्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 11, 2020 10:54 AM2020-01-11T10:54:54+5:302020-01-11T10:54:54+5:30
बागपत में 50 साल का बुजुर्ग राजपुर गांव निवासी मंजूर अहमद 5वीं का प्रमाणपत्र लेने के लिए स्कूल का चक्कर लगा रहा है।
देश भर में संशोधित नागरिकता कानून लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश समेत देश भर में लोग अपने पूर्वजों के कागज को निकाल रहे हैं। इसके लिए रोज लोग सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे है। नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट में सामने आया है कि बागपत में 50 साल का बुजुर्ग राजपुर गांव निवासी मंजूर अहमद 5वीं का प्रमाणपत्र लेने के लिए स्कूल का चक्कर लगा रहा है। इसी तरह मुराबाद में लोग अपने पूर्वजों के जन्म प्रमाणपत्र लेने के लिए पहुंचे। नगर निगम लोगों के लिए अपने 135 साल पुराना रिकॉर्ड को निकालकर लोगों की मदद कर रहा है।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेन्द्र कुमार की मानें तो यहां बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने वाले में करीब 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इनमें मुस्लिम समुदाय के लोगों की संख्या अधिक है। 60 साल व उससे अधिक आयु के बुजुर्ग भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। लेकिन हम ऐक्ट के अनुसार 1969 से पहले पैदा हुए व्यक्ति का जन्म प्रमाणपत्र नहीं बना सकते हैं। गड़बड़ी रोकने के लिए ओरिजिनल पेपर्स के आधार पर ही जन्म प्रमाणपत्र बनाए जा रहे हैं।
बता दें कि केन्द्र सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) 10 जनवरी से प्रभावी होगा। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने एक गजट अधिसूचना में कहा कि कानून दस जनवरी से प्रभावी होगा, जिसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी।
अधिसूचना में कहा गया है, ''नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (2019 का 47) की धारा 1 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार 10 जनवरी 2020 को उक्त अधिनियम के प्रावधान प्रभावी होने की तारीख के रूप में तय करती है।''
संशोधित नागरिकता कानून को 11 दिसंबर को संसद द्वारा पारित किया गया था।