एकनाथ शिंदे का उद्धव ठाकरे पर हमला, बोले- "बाल ठाकरे और पीएम मोदी के नाम पर वोट लेकर उन्होंने 'धोखा' दिया है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 14, 2023 02:00 PM2023-07-14T14:00:25+5:302023-07-14T14:06:15+5:30
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ठाणे में कहा कि उद्धव ठाकरे ने वोट की खातिर शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का इस्तेमाल किया और फिर धोखा दे दिया।
ठाणे: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) के मुखिया और एमवीए सरकार में मुख्यमंत्री रहे उद्धव ठाकरे पर बेहद तीखा हमला बोला है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ठाणे में शुक्रवार को कहा कि उद्धव ठाकरे ने वोट की खातिर शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का इस्तेमाल किया और उसके बाद चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठंबधन को जीत मिली तो मुख्यमंत्री बनने के अपने स्वार्थ की खातिर उन्होंने दशकों से महाराष्ट्र में चले आ रहे शिवसेना-भाजपा के स्वाभाविक गठबंधन को तोड़ दिया।
सीएम शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर यह आरोप अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के मौजूदा शिवसेना-भाजपा सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने के मद्देनजर राज्यव्यापी दौरे पर ठाणे में कही। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, "उन्होंने (उद्धव ठाकरे) चुनाव के समय बाला साहेब ठाकरे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हाथ में ली थी और उनके नाम पर जनता से वोट मांग रहे थे। लेकिन गद्दी की खातिर उन्होंने कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया। उन्होंने न केवल महाराष्ट्र की जनता बल्कि बाला साहेब ठाकरे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धोखा दिया है।"
सीए शिंदे ने सभा में जुटी भीड़ से पूछा, "क्या उन्होंने चुनाव के बाद बाला साहेब और पीएम मोदी के नाम पर वोट देने वाले मतदाताओं को नहीं छोड़ दिया, क्या उन्होंने सत्ता की गद्दी पाने के लिए महाराष्ट्र की जनता से मिले जनादेश के साथ धोखा नहीं किया। अब आप ही बताए कि असली गद्दार कौन हैं?"
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, "उद्वव ठाकरे ने उस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धोखा दिया है, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में आजादी के बाद से चली आ रही धारा 370 को खत्म किया और धारा 370 का खत्म होना शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का सपना था। मैं पूछता हूं कि आखिर उन्होंने कैसे उस प्रधानमंत्री को धोखा दे दिया, जिसने अपने साहस और बल पर बाल ठाकरे के सपनों को पूरा किया हो।"
इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिंदे ने ठाकरे पर परोक्ष हमला करते हुए कहा, "सूबे में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो उनकी सरकार की जतता के बीच पहुंच को पचा नहीं पा रहे हैं। मेरा उनके आधिकारिक निवास स्थान 'वर्षा' महाराष्टर की जनता के लिए हमेशा खुला रहता है, जबकि उनके शासनकाल में ऐसा नहीं था। मुख्यमंत्री आवास पर उन दिनों केवल कुछ लोगों को दाखिल होने की इजाजत थी।"
शिंदे ने कहा कि जब हमने उनका (उद्धव ठाकरे) का साथ छोड़ा और शिवसेना-भाजपा गठबंधन की सरकार बनाई, भाजाप ने हमेशा शिवसेना के साथ अपने गठबंधन धर्म का निर्वहन किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा साल 2017 के चुनावों में हुई जीत के बाद बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की सत्ता पर अपना दावा पेश कर सकती थी, लेकिन उस वक्त भी उसने शिवसेना के साथ गठबंधन समझौते का सम्मान करते हुए उसे बीएमसी पर शासन करने की इजाजत दी थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, ''उस वक्त साल 2017 में तो भाजपा के पास पर्याप्त संख्या थी, लेकिन देवेन्द्र फड़नवीस ने बड़ा दिल दिखाया और शिवसेना को बीएमसी पर दावा करने की इजाजत दी लेकिन दुख होता है कि आज वे (उद्धव ठाकरे गुट) देवेंद्र फड़नवीस को गाली दे रहे हैं।''
अपने भाषण के अंत में शिंदे ने उद्धव ठाकरे सरकार का जिक्र करते हुए कहा, "एमवीए की पिछली सरकार के ढाई सालों में कोई निर्णय नहीं लिया गया। उसके बाद शिवसेना-भाजपा गठबंधन की सरकार ने विकास कार्यों की गति तेज की है और उसी विकास को आगे बढ़ाने के लिए अब हमारे साथ अजित पवार भी आ गये हैं।" (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)