Eid ul-Fitr Mubarak 2025: क्या सीएम नीतीश कुमार ने लालू यादव ऑफर को कबूल किया?, राजद प्रमुख के घर पहुंचे जदयू विधान पार्षद गुलाम गौस
By एस पी सिन्हा | Updated: March 31, 2025 15:28 IST2025-03-31T15:27:29+5:302025-03-31T15:28:35+5:30
Eid ul-Fitr Mubarak 2025: गुलाम गौस के लालू यादव से की गई मुलाकात को इसलिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि सोमवार को भाजपा के चुनावी चाणक्य यानी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एनडीए नेताओं को जीत का मंत्र देकर दिल्ली लौटे हैं।

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Eid ul-Fitr Mubarak 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ईद के दौरान सियासी हलचल तेज हो गई। ईद के दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी मुस्लिम नेता एवं जदयू विधान पार्षद गुलाम गौस ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करके सियासी पारे को चढ़ा दिया है। ऐसे में सियासी गलियारों में यह चर्चा हो रही है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू यादव के ऑफर को कबूल कर लिया है और अपने करीबी गुलाम गौस के जरिए राबड़ी आवास में 'कबूलनामा' भिजवाया है। दरअसल, ईद के दिन गुलाम गौस सुबह-सुबह राबड़ी आवास पहुंच गए। लालू यादव से उन्होंने मुलाकात की।
जिसके बाद सियासी गलियारों में कयास लगाने शुरू हो गए। जदयू नेता ने इस मुलाकात की वजह भी बताई है। इस बीच सियासी जानकारों का कहना है कि जिस तरह से रमजान महीने में वक्फ बिल को लेकर सियासत हुई, उसने नीतीश कुमार को विचलित कर दिया है। वक्फ बिल को लेकर प्रदेश के मुसलमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से काफी नाराज दिखे।
मुस्लिम संगठनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी तक का बायकॉट कर दिया था। वहीं लालू यादव ने इस मुद्दे पर खुलकर मुसलमानों का समर्थन किया। इससे उनकी पार्टी पर मुसलमानों का भरोसा बढ़ता हुआ दिख रहा है। चुनावी साल में मुसलमानों की यह नाराजगी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गेम बिगाड़ सकती है।
इसके अलावा औरंगजेब, हिंदू राष्ट्र, बाबा बागेश्वर, होली और जुमे की नमाज जैसे मुद्दों पर भाजपा नेताओं के बयानों से जदयू असहज है। जदयू को डर है कि भाजपा नेताओं के इन बयानों से नीतीश कुमार की धर्मनिरपेक्ष छवि खराब हो सकती है। हालांकि चुनावी साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से मुसलमानों को अपने साथ लाने की पूरी कोशिश की जा रही है।
ईद के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से पहले ईद की शुभकामनाएं संदेश जारी किया। इतना ही नहीं पटना के गांधी मैदान में नमाजियों के साथ नजर आए। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी मुस्लिम नेता राजद अध्यक्ष लालू यादव से मिलने राबड़ी आवास पहुंच गए। जिसके बाद सियासी हलचल तेज हो गई है।
गुलाम गौस के द्वारा लालू यादव से मुलाकात किए जाने पर अलग-अलग मायने निकाले जाने लगे हैं। हालांकि, राबड़ी आवास से बाहर निकलने पर गुलाम गौस ने कहा कि त्योहार में आपसी मुलाकात का दौर शुरू से चलता रहा है। ईद हो या होली या दशहरा। इस दिन आपस में मुलाकात होते ही हैं और मिल-जुलकर ही त्योहार हम लोग मनाते हैं।
रमजान मोहब्बत और आपसी भाईचारे का त्योहार है। उन्होंने कहा कि जेपी आंदोलन से ही सब राजनीति में आए हैं। लोहिया कहते थे राजनीति में मतभेद भले ही हो पर मनभेद नहीं होना चाहिए। उन्होंने इसे व्यक्तिगत मुलाकात बताते हुए मीडिया से इसे राजनीतिक एंगल ना देने की गुजारिश की।
उल्लेखनीय है कि गुलाम गौस के लालू यादव से की गई मुलाकात को इसलिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि सोमवार को भाजपा के चुनावी चाणक्य यानी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एनडीए नेताओं को जीत का मंत्र देकर दिल्ली लौटे हैं। अमित शाह ने एनडीए नेताओं को एकजुट होकर चुनाव की तैयारियों में जुटने का निर्देश दिया था और आज ही जदयू विधान पार्षद गुलाम गौस लालू यादव के घर पहुंच गए।