छत्तीसगढ़: सीएम भूपेश बघेल के करीबी अफसरों पर ईडी ने की बड़ी कार्रवाई, IAS अफसर; CA समेत कई नेताओं के ठिकानों पर पड़ा छापा
By भाषा | Updated: October 11, 2022 13:44 IST2022-10-11T13:32:23+5:302022-10-11T13:44:52+5:30
इस पर बोलते हुए प्रदेश कांग्रेस समिति के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, ‘‘हमें पहले से आशंका थी कि जब छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी सीधी राजनीतिक लड़ाई नहीं लड़ पाएगी तो केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करेगी। मुख्यमंत्री जी ने भी कई बार इसकी आशंका जाहिर की थी।’’

फोटो सोर्स: ANI
रायपुर:छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मंगलवार को राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों, कुछ व्यवसायी और सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के कुछ नेताओं के ठिकानों पर छापे की खबर है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों ने बताया कि ईडी ने आज सुबह राज्य के रायपुर, रायगढ़, महासमुंद, कोरबा समेत अन्य जिलों में छापे की कार्रवाई शुरू की है।
इन अधिकारियों के यहां हुए है छापे
ईडी ने जिन लोगों के ठिकानों पर छापे मारे हैं उनमें एक जिले की जिलाधीश और सरकार के करीबी कुछ वरिष्ठ अधिकारी, व्यवसायी और कांग्रेस के नेता शामिल हैं। राज्य में छापे के संबंध में ईडी के किसी अधिकारी ने अभी तक पुष्टि नहीं की है।
प्रदेश कांग्रेस समिति के संचार विभाग ने क्या कहा है
राज्य में इन छापों को लेकर प्रदेश कांग्रेस समिति के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, ‘‘हमें पहले से आशंका थी कि जब छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी सीधी राजनीतिक लड़ाई नहीं लड़ पाएगी तो केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करेगी। मुख्यमंत्री जी ने भी कई बार इसकी आशंका जाहिर की थी।’’
इस पर बोलते हुए सुशील आनंद शुक्ला ने आगे कहा, ‘‘यदि कानून सम्मत कार्रवाई की जाए तब कोई दिक्कत नहीं है लेकिन भाजपा दबाव बनाने के लिए राजनीतिक विद्वेष के कारण इस प्रकार से केंद्रीय एजेंसियों का पूरे देश में दुरूपयोग कर रही है, वह निंदनीय है। कांग्रेस पार्टी इस तरह की कुचालों से डरने वाली नहीं है। हम इनका मुकाबला करेंगे। हम इन्हें जनता के सामने बेनकाब करेंगे।''
सितंबर में आयकर विभाग का भी पड़ा था छापा
इससे पहले सितंबर में आयकर विभाग ने राज्य में इस्पात और कोयला व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों के ठिकानों पर छापे मारे थे। वहीं, इस साल जून-जुलाई में आयकर विभाग ने कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी के परिसरों और मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में तैनात एक अधिकारी के घर समेत कई जगहों पर तलाशी ली थी।
छापेमारी के बाद तिवारी ने दावा किया था कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने उनसे कहा था कि अगर वह राज्य सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस विधायकों के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल करते हैं तो वह मुख्यमंत्री बन सकते हैं।