एबीजी शिपयार्ड के खिलाफ ED ने की कार्रवाई, मनी लांड्रिंग का केस दर्ज, आरोप तय होने के बाद कुर्क होगी संपत्ति
By अनिल शर्मा | Published: February 17, 2022 07:18 AM2022-02-17T07:18:30+5:302022-02-17T07:26:42+5:30
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के कथित तौर पर देश के सबसे बड़े बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद यह कदम उठाया गया है। सूत्रों ने कहा कि सीबीआई की शिकायत और फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट देखने के बाद ईडी ने धन शोधक निरोधक कानून (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
नयी दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंकों के समूह के साथ 22,842 करोड़ रुपये से अधिक की कथित धोखाधड़ी मामले में एबीजी शिपयार्ड लि. व उसके पूर्व प्रवर्तकों सहित अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का आपराधिक मामला दर्ज किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के कथित तौर पर देश के सबसे बड़े बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद यह कदम उठाया गया है। सूत्रों ने कहा कि सीबीआई की शिकायत और फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट देखने के बाद ईडी ने धन शोधक निरोधक कानून (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) विशेष रूप से बैंक ऋण की कथित ‘हेराफेरी’, लोगों के पैसे को लूटने के लिए मुखौटा कंपनियों के गठन तथा कंपनी के अधिकारियों और अन्य की भूमिका पर गौर करेगा।
सूत्रों के मुताबिक, एक बार धनशोधन और धन के अवैध हस्तांतरण का आरोप स्थापित होने के बाद एजेंसी द्वारा आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की भी कार्रवाई की जा सकती है। सीबीआई ने मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल के साथ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
प्राथमिकी में तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संतनाम मुथुस्वामी, निदेशक अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि कुमार निवेतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल लिमिटेड को भी कथित आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और पद के दुरुपयोग मामले में नामजद किया है। ईडी द्वारा इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में इन्हें ही आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है।