"यूपीए के 10 साल में अर्थव्यवस्था बर्बाद हुई, मोदी सरकार उनकी कमियों को उजागर करने के लिए 'श्वेत पत्र' जारी कर सकती है", भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 8, 2024 07:18 AM2024-02-08T07:18:21+5:302024-02-08T07:22:33+5:30
भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि 2014 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के कार्यकाल के अंत तक भारतीय अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई थी।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद जयंत सिन्हा ने बीते बुधवार को कहा कि 2014 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के कार्यकाल के अंत तक भारतीय अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई थी। जिसकी कमियों को उजागर करने के लिए केंद्र द्वारा संसद में 'श्वेत पत्र' पेश किए जाने की संभावना है।
मोदी सरकार ने 1 फरवरी को प्रस्तुत केंद्रीय अंतरिम बजट में घोषणा की कि वह कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के 10 वर्षों के आर्थिक प्रदर्शन की तुलना भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 10 वर्षों के आर्थिक प्रदर्शन की तुलना के लिए एक 'श्वेत पत्र' जारी करेगी।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जयंत सिन्हा ने कहा, "यह जरूरी है कि हम लोगों के सामने यह पेश करें कि अर्थव्यवस्था में कैसे बदलाव आया है। हर क्षेत्र में कमियां थीं। अगर आज अर्थव्यवस्था चमक रही है और तेजी से आगे बढ़ रही है, तो इसकी वजह है इन 10 वर्षों में हमारी नीतियों और हमारे कार्य।"
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त राज्य मंत्री रहे जयंत सिन्हा ने अपने कार्यकाल के दौरान कांग्रेस और यूपीए द्वारा आर्थिक कुप्रबंधन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय आर्थिक विकास को पुनर्जीवित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत प्रयास करना पड़ा।
उन्होंने कहा, "हमें साल 2014 में मिली सत्ता के समय देश की अर्थव्यवस्था बेहद खस्ता हालत में मिली थी। महंगाई चरम पर थी। हमें इन सभी में सुधार करना था। आज यह संतोष की बात है कि पीएम मोदी के सक्षम और साहसी नेतृत्व के कारण और उनके निरंतर प्रयासों से हम फ्रैजाइल फाइव नहीं बल्कि टॉप फाइव अर्थव्यवस्था बन गए हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व स्तर पर एक चमकता सितारा बन गई है।''
मालूम हो कि संसद के चल रहे बजट सत्र को शनिवार, 10 फरवरी तक एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। इस साल अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी सत्र 31 जनवरी को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन के साथ शुरू हुआ था। पहले इसका समापन 9 फरवरी को होना था।
यह निर्णय पिछली कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था पर 'श्वेत पत्र' पेश करने की चर्चा के बीच आया है। इससे पहले अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि सरकार सदन के पटल पर एक श्वेत पत्र रखेगी, जिसमें यह देखा जाएगा कि हम 2014 तक कहां थे और अब कहां हैं।"
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार द्वारा सदन में लाए जाने वाले किसी भी कागजात को देखने और उसका जवाब देने के लिए तैयार है। चौधरी ने कहा, "नरेंद्र मोदी को कांग्रेसफोबिया है। हम लड़ने के लिए तैयार हैं। सरकार 'श्वेत पत्र', लाल पत्र, काला पत्र ला सकती है, हमें कोई समस्या नहीं है। हालांकि, सरकार को मेहुल चोकसी के कागजात भी सदन में पेश करने चाहिए।"