इको-फ्रेंडली ग्रीन क्ले गणेशा बने लोगों की पहली पसंद, गणेश उत्सव के लिए सुर्खियों में 'वृक्ष गणेश'

By अनुभा जैन | Published: September 17, 2023 02:24 PM2023-09-17T14:24:12+5:302023-09-17T14:25:46+5:30

लोग पर्यावरणीय पहलुओं के बारे में अधिक चिंतित हो गए हैं, इसलिये पिछले कुछ वर्षों में, ध्यान प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की मूर्तियों से हटकर पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियों पर केंद्रित हो गया है।

Eco-friendly green clay Ganesha becomes people's first choice 'Vriksha Ganesha' for Ganesh Utsav | इको-फ्रेंडली ग्रीन क्ले गणेशा बने लोगों की पहली पसंद, गणेश उत्सव के लिए सुर्खियों में 'वृक्ष गणेश'

इको-फ्रेंडली ग्रीन क्ले गणेश बने लोगों की पहली पसंद

Highlightsपूरा बेंगलुरु शहर मानों गणेश और मां पार्वती की रंग-बिरंगी प्रतिमाओं से सज गया हैपर्यावरण-अनुकूल मूर्तियों को बनाने पर दिया जा रहा है जोर 'वृक्ष गणपति' मूर्तियाँ भी काफी लोकप्रिय हो रही हैं

बेंगलुरु: गणेशा उत्तर भारत का मुख्य त्योंहार होने और बैंगलुरू शहर दक्षिण भारत का हिस्सा होने के बावजूद जैसे-जैसे 10 दिनों के गणेश चतुर्थी का शुभ अवसर नजदीक आ रहा है, पूरा  बेंगलुरु शहर मानों गणेश और मां पार्वती की रंग-बिरंगी प्रतिमाओं से सज गया है। चूँकि लोग पर्यावरणीय पहलुओं के बारे में अधिक चिंतित हो गए हैं, इसलिये पिछले कुछ वर्षों में, ध्यान प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) की मूर्तियों से हटकर पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियों पर केंद्रित हो गया है। घर में मिट्टी का आकर्षण, मिट्टी के गणेश को पत्तियों और रंग-बिरंगे फूलों से सजाने से त्योहार अधिक जीवंत और घरेलू हो जाता है।

इस अवधारणा के साथ, ऐसे कलाकारों का एक समूह केंद्र में आ गया है जो बायोडिग्रेडेबिलिटी और हानिकारक रसायनों से मुक्त इन मिट्टी की मूर्तियों को डिजाइन करते हैं। पारंपरिक गणेश पीओपी मूर्तियों की तुलना में ये पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियां थोड़ी अधिक कीमत पर बनती और बिकती हैं, लेकिन नई अवधारणा की गणपति मूर्तियां आकर्षक लगती हैं, और इन्हें तैयार करने के लिए बॉम्बे मिट्टी व अन्य मिट्टी के मिश्रण का उपयोग किया जाता है।

ऐसी ही एक अन्य प्रकार की 'वृक्ष गणपति' मूर्तियाँ भी काफी लोकप्रिय हो रही हैं। विसर्जन के बाद इन मूर्तियों को मिट्टी में रोपा जा सकता है और इन्हें जैविक खाद, लाल मिट्टी, प्राकृतिक रंगों के अलावा बीजों से तैयार किया जाता है। ये मूर्तियां न केवल आसानी से विसर्जित हो जाती हैं बल्कि जलस्रोतों को प्रदूषित भी नहीं करतीं।

इस क्रम में, अखबारों या कार्डबोर्ड से तैयार की गई 'पेपर गणपति' मूर्तियां, जो हल्के वजन वाली और पर्यावरण के अनुकूल हैं, निश्चित रूप से लोगों की पसंद बन रही हैं। कोलकाता से आयातित मिट्टी और धान के कचरे से मिश्रित गणेश मूर्तियां भी लोकप्रिय हो रही हैं। एक पर्यावरण-अनुकूल गणपति मूर्ति निर्माता ने बताया कि 5 हजार से 2 लाख 50 हजार के मूल्य बैंड के साथ एक फुट से लेकर 18 फीट ऊंचाई तक के पर्यावरण-अनुकूल गणेश लोकप्रिय हो रहे हैं और लोगों द्वारा पसंद किये जा रहे हैं। अन्य गणेश मूर्ति विक्रेताओं ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष मिट्टी के गणेश प्रतिमाओं की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है।

बहुत बड़े आकार की पांडल और कॉलोनी के लिये अभी भी पीओपी की पारंपरिक अवधारणा के साथ प्रतिमायें बनाई जा रही हैं क्योंकि इसमें रचनात्मकता, रंग और डीटेलिंग देने की अधिक स्वतंत्रता रहती है।

Web Title: Eco-friendly green clay Ganesha becomes people's first choice 'Vriksha Ganesha' for Ganesh Utsav

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