नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने शनिवार को उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान करते हुए यह बताया कि सात चरणों में पांच राज्यों के चुनाव कराए जाएंगे। 10 फरवरी को मतदान का पहला चरण होगा। जबकि 7 मार्च को अंतिम चरण के साथ मतदान का समापन होगा। जबकि 10 मार्च को नतीजे घोषित किए जाएंगे।
पांच राज्यों में चुनाव का कार्यक्रम
उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में 10 फरवरी से 7 मार्च तक मतदान
पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को मतदान
मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान
मतगणना - 10 मार्च को
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि सभी पांच चुनावी राज्यों में सर्विस मतदाता को मिलाकर 18.34 करोड़ मतदाता इस चुनाव में हिस्सा लेंगे जिनमें से 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं। मतदान केंद्रों की संख्या 2,15,368 है, 2017 के विधानसभा चुनावों से मतदान केंद्रों की संख्या 16% बढ़ाई गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग व्यक्ति और कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्ति पोस्टल बैलेट से मतदान कर सकते हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, राजनीतिक दलों के लिए यह अनिवार्य है कि वे मतदान उम्मीदवारों के रूप में चुने गए लंबित आपराधिक मामलों वाले व्यक्तियों के बारे में विस्तृत जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें। उम्मीदवार के चयन के लिए उन्हें कारण भी देना होगा।
सुशील चंद्रा ने कहा सभी निर्वाचन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अग्रिम पंक्ति का कार्यकर्ता माना जायेगा एवं सभी पात्र अधिकारियों को 'एहतियाती खुराक' का टीका लगाया जायेगा।
बता दें कि इससे पहले चुनाव आयोग ने मतदान वाले राज्यों में अधिकारियों से टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी लाने के लिए कहा था और चुनाव के दौरान कोविड की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई उपायों की घोषणा की थी।
उत्तर प्रदेश में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल जहां मई में समाप्त होगा तो वहीं बाकी के चार राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल मार्च में अलग-अलग तारीखों पर समाप्त हो होगा.
हालांकि, चुनाव आयोग ने कहा था कि आचार संहिता लागू होने से पहले वह चुनावी रैलियों में कोविड-19 नियमों के उल्लंघन को लेकर न तो कोई कार्रवाई कर सकता है और न ही कोई रोक लगा सकता है। चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले यह जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है।