नई दिल्ली:कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कांग्रेस सहित अन्य दलों के विपक्षी नेताओं के फोन हैकिंग संबंधित आरोपों को लेकर मोदी सरकार पर बेहद तीखा निशाना साधा और कहा कि भाजपा और सरकार लोगों का ध्यान वास्तविक मुद्दों से भटकाने के लिए ऐसी कोशिशें कर रही है।
दिल्ली स्थित पार्टी दफ्तर में पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने अडानी समूह से जुड़े कुछ व्यापारिक सौदों को लेकर मोदी सरकार को आरोपों के कटघरे में खड़ा किया और कहा कि "भाजपा की वित्तीय प्रणाली सीधे तौर पर अडानी समूह के साथ जुड़ी हुई है।"
उन्होंने कहा, ''जैसे ही अडानी को छुआ जाता है, खुफिया एजेंसियों सीबीआई और जासूसी का प्रयोग शुरू हो जाता है।''
राहुल गांधी ने कांग्रेस समेत विपक्षी सांसदों के हैकिंग के आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि उनके दफ्तर में भी कई लोगों को फोन हैकिंग का संदेश मिला है।
राहुल गांधी ने कहा, "कांग्रेस पार्टी में केसी वेणुगोपाल, सुप्रिया श्रीनेत और पवन खेड़ा के साथ लेफ्ट के सीताराम येचुरी, सपा के अखिलेश यादव और शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रियंका चतुर्वेदी को हैकिंग से संबंधित मैसेज मिला है। दरअसल भाजपा देश के युवाओं का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।"
केरल के वायनाड से लोकसभा के सांसद राहुल गांधी ने कहा, "वह इस खबर के बाद से डरे हुए नहीं हैं और सरकार चाहे तो उनके फोन को जितनी चाहे टैप करा सकती है"।
उन्होंने कहा, "बहुत कम लोग इसके खिलाफ लड़ रहे हैं, लेकिन हम डरे हुए नहीं हैं। आप जितनी चाहें उतने फोन टैपिंग कराओ, मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर वो मेरा फोन लेना चाहें तो मैं उन्हें अपना फोन दे भी सकता हूं"
इसके साथ ही राहुल गांधी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की मोदी सरकार पर ध्यान भटकाने वाली राजनीति करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "पहले मैं सोचता था कि नंबर एक पर पीएम मोदी हैं, नंबर 2 पर अडानी हैं और नंबर 3 पर अमित शाह हैं, लेकिन यह गलत है क्योंकि पहले नंबर पर अडानी हैं, दूसरे नंबर पर पीएम मोदी हैं और तीसरे नंबर पर अमित शाह हैं। हम भारत की राजनीति को समझ चुके हैं और अब अडानी जी बच नहीं सकते। यह सब ध्यान भटकाने की राजनीति के लिए हो रहा है।"
राहुल गांधी ने कहा, "यह एक दिलचस्प समस्या है। मेरे पास कुछ सोच-विचार हैं। समय आने पर हम उसे दिखा भी देंगे कि अडानी सरकार को कैसे हटाया जा सकता है। यह मत सोचिए कि सरकार को हटाकर अडानी जी को हटा दिया जाएगा। अडानी जी मौजूदा समय में एकाधिकार के प्रतीक बन गये हैं। दरअसल अडानी भाजपा की वित्तीय व्यवस्था का सीधे तौर पर संचालन कर रहे हैं।''