कांग्रेस के चीन को लेकर केंद्र पर लगाए गए आरोप पर जयशंकर ने कहा- LAC पर राहुल गांधी ने नहीं पीएम मोदी ने भेजी सेना, देखें वीडियो
By मनाली रस्तोगी | Published: February 21, 2023 03:38 PM2023-02-21T15:38:36+5:302023-02-21T15:40:35+5:30
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर हमलावर होते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही थे जिन्होंने भारतीय सेना को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भेजा था न कि राहुल गांधी ने।
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर हमलावर होते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही थे जिन्होंने भारतीय सेना को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भेजा था न कि राहुल गांधी ने। जयशंकर ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए यह कहा। केंद्र सरकार द्वारा तवांग झड़प पर चर्चा से परहेज करने के विपक्ष के आरोपों के बीच उनकी यह टिप्पणी आई है।
जयशंकर ने कहा, "अगर हम एडजस्ट कर रहे थे तो भारतीय सेना को एलएसी पर किसने भेजा। उन्हें राहुल गांधी ने नहीं भेजा, नरेंद्र मोदी ने भेजा।" उन्होंने आगे कहा कि भारत ने चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच बड़ी संख्या में एलएसी पर सैनिकों को भेजा है, कांग्रेस के इस आरोप के बीच कि केंद्र खतरे का मुकाबला करने के लिए पर्याप्त नहीं कर रहा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये भी कहा, "चीन सीमा पर आज हमारी इतिहास की सबसे बड़ी तैनाती है और मैं चीन का नाम ले रहा हूं।" वह कांग्रेस के इस आरोप के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि न तो पीएम मोदी और न ही विदेश मंत्री ने चीन का जिक्र किया। जयशंकर की टिप्पणी संसद में विपक्ष के विरोध की पृष्ठभूमि में आई है जिसमें आरोप लगाया गया है कि सरकार तवांग में चीनी सेना के साथ संघर्ष पर चर्चा से इनकार कर रही है।
Coming up at 4pm via ANI YouTube/FB: EAM Dr S Jaishankar';s interview on China, Pakistan, 9 years of Modi govt's foreign policy, narratives against India and his transition from being a bureaucrat to a Cabinet minister. The interview will be simulcast to ANI Live subscribers pic.twitter.com/lhl8kT6Nc7
— ANI (@ANI) February 21, 2023
वहीं, जयशंकर ने पीएम मोदी की अमेरिकी अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस की आलोचना के समय पर भी सवाल उठाया। जयशंकर ने कहा, "यह दूसरे तरीके से राजनीति है। आप एक डॉक्यूमेंट्री बनाना चाहते हैं, 1984 में बहुत कुछ हुआ, उसपर एक डॉक्यूमेंट्री बनाएं। यह आकस्मिक नहीं है। लंदन और न्यूयॉर्क में चुनावी मौसम निश्चित रूप से शुरू हो गया है।"