व्यापमं के बाद डंपर घोटाले की खुलेगी फाइल, बढ़ सकती है शिवराज सिंह चौहान की मुश्किल

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 28, 2019 08:29 PM2019-07-28T20:29:28+5:302019-07-28T20:29:28+5:30

2006 में डंपर घोटाले में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह चौहान पर गंभीर आरोप लगे थे. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने डंपर घोटाले से जुड़े दस्तावेज कमलनाथ को सौंपे हैं.

dumper scam file will open after vyapam scam in madhya pradesh | व्यापमं के बाद डंपर घोटाले की खुलेगी फाइल, बढ़ सकती है शिवराज सिंह चौहान की मुश्किल

File Photo

Highlightsमध्य प्रदेश में ई-टेंडर और व्यापमं के बाद राज्य सरकार डंपर घोटाले की फाइल भी खोलने जा रही है. प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों गोविंद सिंह और पीसी शर्मा ने इस बात के संकेत दिए हैं.दोनों ने कहा कि भाजपा शासन के समय का यह डंपर घोटाला व्यापमं से भी बड़ा है.

मध्य प्रदेश में ई-टेंडर और व्यापमं के बाद राज्य सरकार डंपर घोटाले की फाइल भी खोलने जा रही है. प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों गोविंद सिंह और पीसी शर्मा ने इस बात के संकेत दिए हैं. दोनों ने कहा कि भाजपा शासन के समय का यह डंपर घोटाला व्यापमं से भी बड़ा है. इसकी जांच जल्द शुरू करवाई जा सकती है. कमलनाथ सरकार अगर यह कार्रवाई करती है तो एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान की मुश्किलें बढ़ जाएगी.

2006 में डंपर घोटाले में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह चौहान पर गंभीर आरोप लगे थे. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने डंपर घोटाले से जुड़े दस्तावेज कमलनाथ को सौंपे हैं. सरकार उन दस्तावेजों के परीक्षण के साथ ही विधि विशेषज्ञों से यह राय ले रही है कि इस मामले में क्या हो सकता है. हालांकि मिश्रा की याचिका 2018 में सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है.

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह कमलनाथ सरकार ने व्यापमं घोटाले की जांच नए सिरे से करने के आदेश दिए हैं. 23 जुलाई को कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा था कि व्यापमं घोटाला राज्य के माथे पर धब्बा है. ऐसे में सरकार ने फैसला किया है कि इसकी जांच शुरू से आखिर तक होगी. उन्होंने कहा कि हर चीज की जांच की जाएगी और जो कोई भी दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. उधर, ई-टेंडरिंग घोटाले में भी पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर शिकंजा कसता जा रहा है. 

ईओडल्ब्यू ने पूर्व मंत्री के निजी सचिव वीरेंद्र पांडे और निर्मल अवस्थी को गिरफ्तार कर लिया है. शनिवार को वीरेंद्र पांडे के घर पर ईओडल्ब्यू ने छापेमारी भी की थी, जहां से कई अहम दस्तावेज मिलने की बात कही जा रही है. ई-टेंडरिंग में लगभग 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की आंशका है.

उल्लेखनीय है कि डंपर घोटाले को कांग्रेस के तत्कालीन मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने उठाया था और इसे लेकर कानूनी लड़ाई भी लड़ी. लेकिन घोटाले में लोकायुक्त अपनी जांच कर चुकी है और हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक से मिश्रा की याचिका खारिज हो चुकी है.

निर्दोष को नहीं दी जाएगी सजा

सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने व्यापमं घोटाले की डंपर घोटाले से तुलना करते हुए कहा है कि डंपर घोटाले की भी जांच होना चाहिए. उन्होंने व्यापमं के बाद आर्थिक रूप से सबसे बड़ा घोटाला ई-टेंडरिंग को बताया है. उनका कहना है कि जांच की जा रही है इसे अधिकारियों ने पकड़ा है. इसमें किसी निर्दोष को सजा नहीं दी जाएगी. सिंह का कहना है कि व्यापमं घोटाले ने कई लोगों की जान ली है. कई निर्दोष बच्चों को जेल में डाला गया है. उन्होंने कहा कि जहां भ्रष्टाचार की गंगोत्री बही उनका कुछ नहीं हुआ और छोटे- छोटे लोगों को निशाना बनाया गया है. मंत्री ने इस पूरे मामले की अच्छे से जांच की मांग की है.

Web Title: dumper scam file will open after vyapam scam in madhya pradesh

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे