नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बलात्कार और हत्या से जुड़ा एक बयान चर्चा में है। गहलोत ने कहा है कि साल 2012 में हुए निर्भया कांड के बाद बलात्कार संबंधी कानून में बदलाव हुए और बलात्कार की सजा फांसी कर दी गई। इसके कारण दुष्कर्म के बाद हत्या की घटनाओं में इजाफा हुआ है। अशोक गहलोत ने कहा कि यह एक खतरनाक चलन है और देश के लिए बड़ी चिंता की बात है।
हालांकि राजस्थान के मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी का सिलसिला भी शुरू हो गया है। भाजपा ने अशोक गहलोत के बयान की निंदा की है। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता शहजाद जयहिंद ने गहलोत पर हमला बोलते हुए कहा, 'गहलोत ने बलात्कारियों को नहीं सख्त दुष्कर्म कानूनों को दोषी ठहराया! उन्होंने कहा- निर्भया के बाद कानून सख्त होने से रेप से संबंधित हत्याएं बढ़ीं! ऐसा पहला बयान नहीं! उन्होंने यह भी कहा है कि बलात्कार के ज्यादातर मामले फर्जी हैं! उनके मंत्री ने कहा मुर्दों का प्रदेश है इसलिए बलात्कार होते हैं'। लेकिन प्रियंकाजी चुप हैं?' शहजाद जयहिंद ने आगे कहा कि राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध सबसे ज्यादा है, राजस्थान में सरकार भी कांग्रेस की है लोकिन फिर भी प्रियंका गांधी चुप हैं।
अगर राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों की बात करें तो राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में साल 2019 में 5997 और साल 2020 में 5310 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए। दोनो ही साल राजस्थान पूरे देश में दुष्कर्म की घटनाओं में सबसे उपर रहा।
बता दें कि महंगाई के खिलाफ दिल्ली में कांग्रेस विरोध प्रदर्शन कर रही है। विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए अशोक गहलोत दिल्ली में हैं। इसी दौरान मीडिया से बात करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री ने यह बयान दिया। इसके अलावा अशोक गहलोत ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार घमंड में है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार विपक्ष के आंदोलन को कोई तवज्जो नहीं दे रही है। ये इनके खुद के लिए घातक होगा। गहलोत ने आरोप लगाया कि केद्र की भाजपा सरकार को केवल हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करनी है।