अमरनाथ यात्रा के लिए ई-केवाईसी के कारण पंजीकरण रफ्तार धीमी, केवाईसी के नियम बन रहे रुकावट

By सुरेश एस डुग्गर | Published: April 25, 2023 11:52 AM2023-04-25T11:52:30+5:302023-04-25T11:59:45+5:30

बाबा बर्फानी लंगर संगठन के प्रधान राजन गुप्ता कहते थे कि लंगर लगाने वालों को एक निर्धारित अवधि के लिए ही लंगर लगाने की अनुमति दी जाए न कि पूरी अवधि के लिए।

Due to e-KYC registration speed for Amarnath Yatra is slow KYC rules are becoming a hindrance | अमरनाथ यात्रा के लिए ई-केवाईसी के कारण पंजीकरण रफ्तार धीमी, केवाईसी के नियम बन रहे रुकावट

फाइल फोटो

Highlightsअमरनाथ यात्रा के लिए इस बार श्रद्धालुओं को कराना होना केवाईसी रजिस्ट्रेशन इस नए नियम के कारण लोगों को पंजीकरण कराने में हो रही दिक्कत अमरनाथ यात्रा में केवाईसी सिस्टम के कारण पंजीकरण रफ्तार धीमी हुई

श्रीनगर:  इस बार की अमरनाथ यात्रा में शामिल होने के इच्छुक लोगों को परेशानियों का सामना इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि ई-केवाईसी की शर्त जी का जंजाल बन गई है।

नतीजतन 50 प्रतिशत लोग भी पंजीकरण अभी तक नहीं करवा पाए हैं। यही नहीं अमरनाथ यात्रा में लगाए जाने वाले लंगरों की अवधि को लेकर भी श्राइन बोर्ड तथा लंगरवाले आमने-सामने हैं।

दरअसल, इस बार अमरनाथ यात्रा में फूल प्रूफ सिस्टम लागू करने के इरादों से बायोमेट्रिक पद्धति सिस्टम का सहारा लिया जा रहा है जो श्रद्धालुओं के लिए जी का जंजाल इसलिए साबित हो रहा है क्योंकि कई शहरों में बैंकों में होने वाला आन लाइन पंजीकरण बहुत ही वक्त ले रहा है।

भोपाल के ओम शिव शक्ति सेवा मंडल के सचिव रिंकू भटेजा ने भी इसे माना है कि इस बार श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि, बुढलाडा की संस्था शिव शक्ति सेवामंडल के जतिन्द्र गोयल नीटू कहते थे कि इस बार पंजीकराण करवा वालों के के लिए श्राइन बोर्ड का रवैया ठीक नहीं है।

सिर्फ पंजीकरण करवाने के इच्छुक भक्तों को ही बोर्ड के रवैये के कारण परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ रहा बल्कि यात्रा के दौरान सेवाभाव के तहत लंगर लगाने वाली संस्थाएं भी इस बार इस रवैया के विरोध में उठ खड़ी हुई हैं।

दरअसल, अभी तक लंगर लगाने वालों को अनुमति ही प्रदान नहीं की गई है जबकि अतीत में मार्च के अंत तक यह अनुमति प्रदान कर दी जाती थी।
हालांकि, इस बार अमरनाथ यात्रा के दोनों मार्गों पर 120 के करीब लंगर वालों ने आवेदन किया है पर उनकी दिक्कत यह है कि वे पूरे दो महीनों के लिए लंगर नहीं लगाना चाहते हैं।

कारण स्पष्ट है। पिछले कुछ सालों से अमरनाथ यात्रा के प्रतीक हिमलिंग के पिघलते ही श्रद्धालु नदारद होने लगते हैं और लंगर वालों को बाकी अवधि के लिए श्रद्धालुओं को तलाश करना पड़ता है।

यही कारण था कि बाबा बर्फानी लंगर संगठन के प्रधान राजन गुप्ता कहते थे कि लंगर लगाने वालों को एक निर्धारित अवधि के लिए ही लंगर लगाने की अनुमति दी जाए न कि पूरी अवधि के लिए।

दरअसल, श्राइन बोर्ड उन लंगर वालों को या तो नेगेटिव लिस्ट में डालता आया है या फिर जुर्माना लगाता आया है जो यात्रा पूरी तरह से खत्म होने से पहले अपने लंगर समेट लेते थे। इसको लेकर लंगरवालों में नाराजगी का माहौल है।

Web Title: Due to e-KYC registration speed for Amarnath Yatra is slow KYC rules are becoming a hindrance

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