लाइव न्यूज़ :

डीयू समिति ने पाठ्यक्रम मसौदा तैयार करने में तय प्रक्रिया की अनदेखी की: अंग्रेजी शिक्षकों ने कहा

By भाषा | Updated: September 4, 2021 18:04 IST

Open in App

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के अंग्रेजी शिक्षकों के एक वर्ग ने विश्वविद्यालय की समिति पर विषयों के पाठ्यक्रम का मसौदा तैयार करने में ‘‘लोकतांत्रिक और तय प्रक्रिया’’ का मजाक बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने महाश्वेता देवी की प्रसिद्ध लघु कथा ‘‘द्रौपदी’’ को फिर से पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की है।डीयू कॉलेजों के लगभग 115 अंग्रेजी शिक्षकों ने शुक्रवार को जारी एक बयान में, सेमेस्टर पांच के लिए अंग्रेजी पाठ्यक्रम को फिर से तैयार करने के दौरान निगरानी समिति द्वारा देवी, लेखक बामा और सुकरिथरणी की रचनाओं की अनदेखी करने की आलोचना की। शिक्षकों के अनुसार, ‘‘निगरानी समिति द्वारा पूरी प्रक्रिया का खुले तौर पर उल्लंघन किया गया और उसे दरकिनार कर दिया गया।’’ उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘यह (निगरानी समिति) अकेले ही एक ऐसे पाठ्यक्रम को नष्ट करने का प्रयास करती है जिसे वर्षों की सावधानीपूर्वक चर्चा और बहस के बाद एक साथ रखा गया है, जहां लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई समितियों ने लोकतांत्रिक रूप से उन विविध पाठ्यक्रमों को चुना है जो समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करते हैं।’’विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद ने पिछले महीने देवी और दलित वर्ग के दो लेखकों की रचनाओं को बीए (ऑनर्स) अंग्रेजी पाठ्यक्रम से हटा दिया था, जबकि निगरानी समिति की सिफारिशों पर इसके पाठ्यक्रम में बदलाव को मंजूरी दे दी थी। बयान में कहा गया है, ‘‘जिन आवाजों का गला घोंटा गया है, वे दलित वर्ग और गैर-दलित महिला लेखकों की हैं जो दलित/आदिवासी महिलाओं के बारे में लिख रही हैं।’’ इससे पहले, पाठ्यक्रम को फिर से तैयार करते समय, डीयू ने दावा किया था कि वह ‘‘सावधानीपूर्वक अवलोकन’’ के माध्यम से ‘‘पाठ्यक्रम की समावेशी प्रकृति’’ को सामने लाने का प्रयास करता है। शिक्षकों ने यह भी आरोप लगाया कि अंग्रेजी विभाग के प्रमुख को नवीनीकृत पाठ्यक्रम पर सहमति देने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा कि निगरानी समिति की यह सिफारिश कि ‘‘द्रौपदी’’ को पाठ्यक्रम से हटा दिया जाना चाहिए, 19 जुलाई को उस वक्त आई जब कक्षाएं शुरू होने में महज 24 घंटे से भी कम समय बचा था। इस बीच विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विभाग के एचओडी प्रोफेसर राज कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्होंने ‘‘केवल शिक्षकों और विद्यार्थियों के हित में पाठ्यक्रम को मंजूरी दी।’’ कुमार के अनुसार, अंग्रेजी विभाग ने 2017 और 2019 के बीच पाठ्यक्रम पर ‘‘तीन हजार घंटे तक काम’’ किया था।उन्होंने कहा, ‘‘दो अंतरराष्ट्रीय प्रोफेसरों और अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों ने भी पाठ्यक्रम को मंजूरी दी थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टबचपन से ही शारीरिक-मानसिक रूप से प्रताड़ित, मां ने मामा के घर पढ़ने भेजा?, दिवाली पर घर आई तो पिता ने रेप की कोशिश की, मां ने आबरू बचाई?, दिल्ली विवि की छात्रा की आपबीती

भारतडीयू प्रोफेसर थप्पड़ विवाद के बीच डूसू संयुक्त सचिव दीपिका झा की टिप्पणी से आक्रोश फैला, रिपोर्टर से कहा,- 'मेरेको जो ठीक लगा वही किया'

भारतDUSU Election Results 2025: अध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव सीट पर एबीवीपी का कब्जा, एनएसयूआई खाते में उपाध्यक्ष पद

भारतDUSU Election 2025 Result: एनएसयूआई की जोसलिन नंदिता चौधरी से 4,434 वोट से आगे एबीवीपी के आर्यन मान

भारतDUSU Election Result Date 2025: डूसू चुनाव परिणाम 19 को, मतगणना सुबह 8 बजे से होगी शुरू, शीर्ष राजनेताओं की लिस्ट जो DUSU अध्यक्ष रहे

भारत अधिक खबरें

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

भारतKyrgyzstan: किर्गिस्तान में फंसे पीलीभीत के 12 मजदूर, यूपी गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: कहां से आया 'जय भीम' का नारा? जिसने दलित समाज में भरा नया जोश

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: आज भी मिलिंद कॉलेज में संरक्षित है आंबेडकर की विरासत, जानें

भारतडॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी समेत नेताओं ने दी श्रद्धांजलि