क्रूज पोत पर मादक पदार्थों का मामला : उच्च न्यायालय ने दिल्ली के व्यवसायी को राहत देने से इंकार किया
By भाषा | Updated: October 7, 2021 20:13 IST2021-10-07T20:13:20+5:302021-10-07T20:13:20+5:30

क्रूज पोत पर मादक पदार्थों का मामला : उच्च न्यायालय ने दिल्ली के व्यवसायी को राहत देने से इंकार किया
नयी दिल्ली, सात अक्टूबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के एक व्यवसायी को अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया। व्यवसायी ने आरोप लगाया था कि बॉलीवुड अभिनेता शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान से जुड़े मादक पदार्थ मामले में उनके खिलाफ एक न्यूज चैनल द्वारा ‘‘विद्वेषपूर्ण मीडिया अभियान’’ चलाया जा रहा है।
मनोरंजन एवं इवेंट मैनेजमेंट व्यवसायी अर्जुन जैन की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने समाचार चैनल से कहा कि जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग के लिए वर्तमान दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करें।
स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने इस महीने की शुरुआत में मुंबई से गोवा जा रहे एक क्रूज पोत में मादक पदार्थ की पार्टी का भंडाफोड़ किया था जिसमें अभिनेता शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान सहित कई लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
अदालत ने कहा कि कोई अंतरिम आदेश पारित करने से पहले वह समाचार रिपोर्टिंग पर केंद्र एवं न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड अथॉरिटी (एनबीडीएसए) के दिशानिर्देशों पर गौर करना चाहती है।
न्यायाधीश ने कहा कि याचिकाकर्ता के ‘‘आचरण’’ को देखते हुए वह इस वक्त कोई आदेश पारित नहीं करना चाहतीं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने आपके मुवक्किल के आचरण को देखा। वह हिरासत में रहे हैं (अन्य मामले में पहले भी)। मैं नोटिस जारी करती हूं। यह अंतरिम राहत देने का मामला नहीं है।’’
अदालत ने कहा, ‘‘मुझे प्रतिवादी संख्या तीन (समाचार कंपनी) की याचिका में कुछ आधार लगा कि याचिकाकर्ता ने कुछ गोपनीय जानकारी छिपायी है (क्रूज पोत का कथित तौर पर प्रबंधन करने वाली कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा देने के संबंध में)। मेरा मानना है कि कोई भी आदेश पारित करने से पहले प्रतिवादी संख्या एक (एनबीडीएसए) और प्रतिवादी संख्या दो (केंद्र) की तरफ से जारी दिशानिर्देशों पर गौर किया जाए।’’
याचिका पर अदालत ने समाचार कंपनी, एनबीडीएसए और केंद्र सरकार से जवाब मांगा। याचिका में कथित तौर पर सभी अपमानजनक लिंक हटाने का अनुरोध किया गया है।
याचिकाकर्ता के वकील अदित एस. पुजारी ने कहा कि समाचार चैनल उनके मुवक्किल की प्रतिष्ठा को यह कहकर ठेस पहुंचा रहा है कि एनसीबी ने जिस पार्टी पर छापा मारा उसमें वह भी संलिप्त थे।
मामले में अगली सुनवाई 31 जनवरी को होगी।
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