नई दिल्ली, 26 जनवरी: भारत ने रविवार को अब तक के सबसे हैवी ड्यूटी ड्रोन का परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकाश संगठन ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में रुस्तम 2 नाम के ड्रोन का टेस्ट किया। एक बयान के मुताबिक, डीआरडीओ ने चित्रदुर्ग के चलाकेरे में अपने एरोनॉटिकल परीक्षण रेंज (एटीआर) में रविवार को रुस्तम-2 का सफल परीक्षण किया। डीआरडीओ ने बताया कि सफल परीक्षण के सभी मानक 'सामान्य' रहे। रुस्तम-2 अलग-अलग तरह के पेलोड ले जाने में सक्षम है।
अधिकारियों के मुताबिक अमेरिका के प्रीडेटर ड्रोन की तरह ही रुस्तम-2 को विकसित किया गया है, यह सशस्त्र बलों के लिए निगरानी एवं रेकी के लिए बनाया गया है। डीआरडीओ ने कहा कि सफल परीक्षण के सभी मानक 'सामान्य' रहे। रुस्तम-2 अलग-अलग तरह के पेलोड साथ ले जाने में सक्षम है। इसका इस्तेमाल दुश्मन की निगरानी रखने और टारगेट पर निशाना लगाने और सिग्नल इंटेलिजेंस में किया जाएगा। चलकेरे में स्थित परीक्षण केंद्र में यह परीक्षण उड़ान डीआरडीओ के अध्यक्ष एस. क्रिस्टोफर, वैमानिकी प्रणाली महानिदेशक सी.पी.रामनारायणन, विद्युत एवं संचार प्रणाली महानिदेशक जे. मंजुला और अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिकों की उपस्थिति में संपन्न हुई।भविष्य में मददगार होगा रुस्तम-2
सेना को आने वाले एक दशक में 400 आधुनिक ड्रोन की जरूरत पड़ेगी। कॉम्बैट और पनडुब्बी और रिमोट संचालित एयरक्रॉफ्ट के साथ इसे लांच किया गया है। बता दें कि भारतीय सेना के पास अभी 200 ड्रोन हैं जिसमे ज्यादातर लंबी दूरी और टारगेट पर नजर रखने वाले इजरायल से खरीदे गए हैं।
बता दें कि ड्रोन की गति 225 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसके अलावा यह लगातार 24 घंटे के उड़ान भर सकता है। इसमें सबसे खास बात यह है कि यह 350 किलो हथियारों को भी उठा सकता है। इसमें कई प्रकार के सेंसर का इस्तेमाल किया गया है यही कारण है की यह ड्रोन तकनीकी रूप से काफी उन्नत है।