रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट से दूर नौसेना के युद्धपोत आईएनएस (INS) चेन्नई से लंबी दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। चेन्नई से लॉन्ग रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (LR-SAM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। गणतंत्र दिवस के मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के लिए ये बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बराक 8 एलआरएसएएम मिसाइल रक्षा प्रणाली को भारत और इजरायल में राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम सहित भारत और इजरायल में रक्षा ठेकेदारों के सहयोग से संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
भारत और इजरायल ने 2006 में LRSAM पर मई 2010 में मिसाइल प्रणाली की पहली सफल परीक्षण फायरिंग के साथ काम करना शुरू किया था।
पीएसएलवी-सी44 मिशन लॉन्च करने की तैयारियां पूरी, आधी रात को होगा लॉन्च
वहीं श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केन्द्र से गुरुवार को होने वाले पीएसएलवी-सी44 के प्रक्षेपण के लिए 16 घंटे की उल्टी गिनती जारी कर दी है। भारतीय ध्रुवीय रॉकेट पीएसएलवी-सी44 छात्रों द्वारा विकसित कलामसैट और पृथ्वी की तस्वीरें लेने में सक्षम माइक्रासैट-आर को लेकर उड़ान भरेगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की ओर से जारी मिशन अपडेट के अनुसार, श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से शाम सात बजकर सैंतीस मिनट पर पीएसएलवी-सी44 वाहन के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हो गई। यह इसरो के पीएसएलवी वाहन की 46वीं उड़ान है। इसे गुरुवार आधी रात से ठीक पहले 11.37 बजे लॉन्च किया जाएगा।
इससे पहले इसरो के चेयरमैन के सिवान ने बताया कि भारत का दूसरा लूनर मिशन चंद्रयान-2, जिसे 2018 में लॉन्च किया जाना था वो अब 25 मार्च से अप्रैल के अंत तक याद किया जा सकता है।(समाचार एजेंसी पीटीआई इनपुट के साथ)