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मसौदा क्षेत्रीय योजना 2041:एनसीआर को वैश्विक आर्थिक क्षेत्र में तब्दील करने का प्रस्ताव

By भाषा | Updated: December 17, 2021 23:08 IST

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नयी दिल्ली, 17 दिसंबर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड (एनसीआरपीबी) ने अपने ‘क्षेत्रीय योजना 2041 के मसौदे’ में एनसीआर को एक जीवंत ‘‘वैश्विक आर्थिक क्षेत्र’’ में तब्दील करने के लिए कई उपायों का प्रस्ताव किया है।

मसौदा योजना में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के बड़े शहरों के अंदर ‘सुपर-फास्ट ट्रेनों’ के जरिए 30 मिनट की कनेक्टिविटी पर विशेष रूप से जोर दिया गया है। साथ ही, एनसीआर की निकटतम सीमाओं से दिल्ली तक 30 मिनट के ‘मास ट्रांजिट रेल सिस्टम’ (एमआरटीएस) की व्यवहार्यता की संभावना तलाशने का भी प्रस्ताव किया गया है।

इसमें एनसीआर क्षेत्र को दिल्ली में राजघाट से 100 किलोमीटर के दायरे तक सीमित रखने का प्रस्ताव दिया है ताकि क्षेत्र का अधिक ‘‘केंद्रित’’ और ‘‘सतत’’ विकास हो सके।

मसौदा क्षेत्रीय योजना-2041 में एंबुलेस और ‘हेली-टैक्सी’, सड़क, रेल तथा अंत:देशीय जलमार्ग सुविधा के साथ झुग्गी मुक्त एनसीआर के लिए मार्ग प्रशस्त किया गया है।

मसौदा को बृहस्पतिवार को लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया और सुझाव या आपत्तियां सात जनवरी तक आमंत्रित की गई हैं, जिसके बाद बोर्ड द्वारा इसे अधिसूचित किया जाएगा।

समावेशी आर्थिक वृद्धि के लिए फिल्म सिटी, एयरो सिटी, टेक सिटी, मेडिसिटी, नॉलेज सिटी, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण और आईटी सिटी जैसे क्लस्टर को बढ़ावा देने का भी सुझाव दिया गया है।

एनसीआरपीबी पूरी दिल्ली, उत्तर प्रदेश के आठ जिलों, हरियाणा के 14 जिलों और राजस्थान के दो जिलों को कवर करता है। इसके दायरे में कुल 55,083 वर्ग किमी क्षेत्र आता है।

मसौद क्षेत्रीय योजना में यह सुझाव भी दिया गया है कि प्राधिकारों को क्षेत्र के विकास के लिए रक्षा उत्पादन और एयरोस्पेस क्षेत्र जैसे नये अवसरों की संभावना तलाशनी चाहिए तथा उनका समर्थन करना चाहिए। इसमें रोजगार प्रोत्साहन के लिए स्टार्टअप को बढ़ावा देने का भी सुझाव दिया गया है। इसमें कहा गया है कि एनएसीआर में बागपत, मेवात आदि जैसे अविकसित इलाकों में औद्योगिक पार्क या बड़े उद्योग स्थापित किये जाने चाहिए।

इसमें क्षेत्र को एक ‘स्मार्ट पर्यटन केंद्र’ के रूप में विकसित करने की भी बात कही गई है।

मसौदा में यह भी कहा गया है कि 100 किलोमीटर के दायरे के बाहर और एनसीआर की मौजूदा सीमा तक क्रमबद्ध गलियारे बनाए जाएंगे, जिसमें एक्सप्रेसवे, राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग और क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम से एक किलोमीटर के भीतर आने वाले इलाके आएंगे।

उसने कहा कि इससे इन गलियारों पर आने वाले इलाकों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने का मार्ग प्रशस्त होगा।

एनसीआरपीबी ने इस साल 12 अक्टूबर को हुई अपनी बैठक में इस मसौदे को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी।

अभी एनसीआर करीब 150-175 किलोमीटर के क्षेत्र तक फैला है, जिसके तहत सभी जिले, तहसील और उनके ग्रामीण इलाके आते हैं। लेकिन इस क्षेत्रीय योजना 2041 को मंजूरी देने के साथ 100 किलोमीटर के दायरे से बाहर के इलाके एनसीआर का मुख्य हिस्सा नहीं रहेंगे।

क्षेत्रीय योजना 2041 के मसौदे में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र राजघाट (दिल्ली) से 100 किलोमीटर के दायरे का मुख्यत: एक गोलाकार क्षेत्र होना चाहिए। अगर कोई भी तहसील 100 किमी. के दायरे के भीतर किसी भी तरह से आती है तो उसे शामिल करने या न करने का फैसला संबंधित राज्य सरकारों पर छोड़ा जाएगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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