तिरुवल्ला (केरल), पांच मई मलंकरा मार थोमा सीरियन चर्च के पूर्व प्रमुख और भारत में सबसे लंबे समय तक बिशप के रूप में सेवा दे चुके डॉ फिलिपोज मार क्रिसोस्टम का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण बुधवार को निधन हो गया। गिरजाघर के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 100 साल से अधिक उम्र के बिशप को मंगलवार को ही तिरुवल्ला स्थित चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल से छुट्टी दी गई थी।
उन्होंने यहां पास के कुम्बानाद में एक निजी अस्पताल में देर रात करीब एक बजकर 15 मिनट पर आखिरी सांस ली।
उन्होंने 27 अप्रैल को अपना 104वां जन्मदिन अस्पताल में इलाज के दौरान मनाया था। उनके पार्थिव शरीर को बृहस्पतिवार को दफनाया जाएगा।
सच्चा मानवीय दृष्टिकोण एवं वैश्विक नजरिया रखने वाले और उत्कृष्ट धार्मिक व्यक्ति मार क्रिसोस्टम को 2018 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था।
उन्हें गरीबों एवं वंचितों की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति में सुधार के लिए कई योजनाओं को बनाने और लागू करने का श्रेय जाता है।
उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित तमाम हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है।
रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ‘‘ डा. फिलिपोस मार क्रिसोस्टम मार थोमा वालिया ने भारत में सबसे लंबे समय तक विशप के रूप में अपनी सेवाएं दीं । उन्होंने अपनी धर्मनिष्ठा, करूणा और सेवा भाव से लाखों लोगों के जीवन को स्पर्श किया, खास तौर पर जरूरतमंद और कमजोर वर्ग के लोगों को । ’’
राष्ट्रपति ने कहा ‘‘ उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं । ’’
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा ‘‘ फिलिपोस मार क्रिसोस्टम मार थोमा वालिया मेट्रोपॉलिटन के निधन से दुखी हूं जिन्होंने भारत में सबसे लंबे समय तक बिशप के रूप में अपनी सेवाएं दीं । उन्होंने जीवनभर मानवता के लिये असाधारण सेवाएं दीं । ’’
मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘बिशप फिलिपोस मार क्रिसोस्टम के निधन से दुखी हूं। आध्यात्म ज्ञान और लोगों के कष्टों को कम करने के उनके प्रयासों के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। मलनकारा मार थोमा सीरियन चर्च के सदस्यों के प्रति मैं संवेदनाएं प्रकट करता हूं।’’
राज्यपाल खान ने क्रिसोस्टम के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘‘माननीय क्रिसोस्टम ने हास्य के स्पर्श से आध्यमिकता को प्रचार किया, वह लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने के साथ-साथ मानव कल्याण में योगदान के बारे में सोचते थे। मैं हृदय से अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।’’
विजयन ने कहा कि उन्होंने धर्म, राजनीति और जाति की सीमाओं को तोड़कर लोगों को साथ लाए और उन्हें प्रसन्न किया।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ प्रिय थिरुमेनी का निधन मानवता की क्षति है। उनकी वजह से आई शून्यता को भरा नहीं जा सकता। मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।’’
27 अप्रैल, 1918 को कार्तिकप्पल्ली में जन्मे मार क्रिसोस्टम को अपने पिता से सेवा भाव की प्रेरणा मिली।
अलवाये स्थित यूनियन क्रिश्चियन (यूसी) कॉलेज से स्नातक करने के बाद उनका रुझान मिशनरी के कार्य की ओर हुआ और 1944 में उन्हें ‘डीकॉन ऑफ चर्च’ बनाया गया। नौ साल बाद 1953 में उन्हें बिशप बनाया गया।
मार क्रिसोस्टम 1999 में मलंकरा मार थोमा सीरियन चर्च के मेट्रोपोलिटन बने। वह 68 साल तक बिशप रहे।
अपने शांत एवं विनम्र स्वभाव के लिए मशहूर बिशप को हास्य विनोद से भरपूर उनके बयानों और दिल को छू लेने वाले भाषणों के लिए जाना जाता है।
उनके भाषणों पर कई किताबें प्रकाशित हुई हैं और वृत्त चित्र बने हैं।
गिरिजाघर के अधिकारियों ने बताया कि उनके पार्थिव शरीर को बृहस्पतिवार को अपराह्न तीन बजे तिरुवल्ला के सेंट थॉमस मार थोमा चर्च के नजदीक खासतौर पर बनाई गई कब्र में दफनाया जाएगा।
इस समय उनके पार्थिव शरीर को जनता के दर्शन के लिए एससीएस परिसर के सभागार में रखा गया है।
कोविड-19 के नियमों को देखते हुए गिरिजाघर ने अनुयायियों से अनुरोध किया है कि वे सजीव प्रसारण से ही उनकी अंतिम यात्रा के दर्शन करें।
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