नई दिल्ली, 14 जून: भारत और मालदीव के बीच रिश्ते बिगड़ते जा रहे हैं। जिसका असर कहीं ना कहीं आम जनता पर भी पड़ता नजर आ रहा है। हाल ही में एक युवक को राजनयिक संबंधों के कारण अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था।
खबर के अनुसार मुंबई के रहने वाले एक युवक को मालदीव से नौकरी का ऑफर मिला था, लेकिन वीज़ा मिलने में काफी देरी के कारण ये नौकरी उनके हाथ से चली गई। उन्होंने मुंबई से ही ग्रेजुएशन की, जिसके बाद जॉब ढूंढ रहे थे।इसके लिए मालदीव से ऑफर आया और कागजी कार्रवाई शुरू दी। फरवरी में वर्किंग वीज़ा के लिए अप्लाई किया, अममून दो हफ्ते में सब हो जाता है लेकिन इस बार नहीं हुआ।
वहीं, राहुल गांधी ने ट्वीट करके लिखा है मालदीव, जो हमारे करीबी सहयोगियों और भारी सहायता के लाभार्थी में से एक है। भारत की ओर से कार्य वीजा रद्द किए जा रहे हैं और भारतीयों की नौकी नें भर्ती नहीं हो रही हैं। ऐसा तब होता है जब विदेशी नीति रणनीतिक मंशा के बजाय फोटो ऑप्स और "कोई एजेंडा मीटिंग्स" के बारे में नहीं होती है।
बीते सालों में मालदीव में चीन का दखल बढ़ा है। मालदीव ने दिसंबर 2017 में बिना विपक्षी सांसदों की मौजूदगी के आधी रात में चीन के साथ विवादित 'फ्री ट्रेड अग्रीमेंट' (FTA) पारित किया। जिसके बाद से भारत से रिश्तों में बदलाव देखने को मिला है। इसी के बाद से ही भारत और मालदीव में दूरी बढ़ती गई हैं।
इसके बाद दोनों देशों के संबंध और खराब हो गए। मालदीव्स ने बिना पूर्व अनुमति के भारतीय राजदूत से मिलने वाले अपने तीन स्थानीय काउंसिलर्स को सस्पेंड भी कर दिया। ऐसा पहली बार दोनों देशों के रिश्तों के बीच में देखा गया है।