'न्याय का मजाक मत बनाओ..', ट्रायल में 4 साल की देरी पर सुप्रीम कोर्ट की NIA को फटकार

By आकाश चौरसिया | Updated: July 3, 2024 13:48 IST2024-07-03T13:28:26+5:302024-07-03T13:48:24+5:30

9 फरवरी 2020 को सुबह 9:30 बजे अपीलकर्ता को खुफिया सूचना के आधार पर मुंबई पुलिस ने पकड़ा था। इस तरह की कार्रवाई को अंजाम देने के बाद नकली नोट बरामद किए गए और आरोपी पर आरोप लगा कि उसके पास जो नोट मिले वो पाकिस्तान के थे।

Don;t make mockery of Justice Supreme Court rebukes NIA for 4 year delay in Trial | 'न्याय का मजाक मत बनाओ..', ट्रायल में 4 साल की देरी पर सुप्रीम कोर्ट की NIA को फटकार

फाइल फोटो

Highlightsसुप्रीम कोर्ट की NIA को जमकर फटकारन्याय का मजाक मत बनाओ- सुप्रीम कोर्ट 2020 में पकड़े गए, आरोपी को 4 साल बाद भी न्याय नहीं मिल, इसलिए SC ने ऐसा कहा

नई दिल्ली: 4 साल बाद जेल से बाहर आए आरोपी के लिए ट्रायल पर हो रही देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय एजेंसी एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को कड़ी फटकार लगाई है। आरोपी के विरुद्ध गैर-कानूनी गतिविधि एक्ट, 1967 के तहत दर्ज हुआ था। इसी केस की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि न्याय के लिए आप मजाक न बनाएं और कहा कि भले ही आरोपी पर गंभीर अपराध करने का आरोप है, फिर भी उसे त्वरित सुनवाई का अधिकार है। 

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जमशेद बुरजोर पारदीवाला ने सुनवाई के दौरान केंद्रीय एजेंसी से कहा कि आप ने न्याय का मजाक बनाकर रख दिया है। आप राज्य हैं और आप एनआईए हैं। आरोपी को तुरंत सुनवाई का अधिकार है, चाहे उसने किसी भी तरह का अपराध किया हो। हो सकता है कि उसने कोई गंभीर अपराध किया हो, लेकिन मुकदमा शुरू करने का दायित्व आपका है। वह पिछले चार साल से जेल में है। आज तक, आरोप तय नहीं किया गया है। 

हमें बताएं कि आरोपी को कितने समय तक जेल में रहना- SC 
यह देखते हुए कि 80 गवाहों से पूछताछ की जानी है, न्यायाधीश ने टिप्पणी की, "आप 80 गवाहों से पूछताछ करने का प्रस्ताव रखते हैं। तो, हमें बताएं कि आरोपी को कितने समय तक जेल में रहना चाहिए?" 

सुनवाई में शामिल न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां भी शामिल थे, बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ एक अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने UAPA के तहत अभियोजन के संबंध में अपीलकर्ता को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया था। सबसे पहले, एनआईए और राज्य के वकीलों ने समय देने की प्रार्थना की, हालांकि, आरोपियों की लंबी कैद को देखते हुए, अदालत ने मामले को स्थगित करने से मना कर दिया।

आरोपों के मुताबिक, 9 फरवरी 2020 को सुबह 9:30 बजे अपीलकर्ता को खुफिया सूचना के आधार पर मुंबई पुलिस ने पकड़ा था। इस तरह की कार्रवाई को अंजाम देने के बाद नकली नोट बरामद किए गए और आरोपी पर आरोप लगा कि उसके पास जो नोट मिले वो पाकिस्तान के थे।

Web Title: Don;t make mockery of Justice Supreme Court rebukes NIA for 4 year delay in Trial

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