"नहीं जानता नीतीश का हृदय परिवर्तन कैसे हुआ, जनता उन्हें सबक सिखाएगी", शरद पवार ने इंडिया गठबंधन से जदूय के बाहर होने पर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 29, 2024 09:14 AM2024-01-29T09:14:32+5:302024-01-29T09:20:44+5:30
शरद पवार ने नीतीश कुमार के सियासी यू टर्न और एनडीए के पाले में जाने पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि पता नहीं कैसे उनका अचानक हृदय परिवर्तन हो गया।
मुंबई: नीतीश कुमार ने बिहार में बीते रविवार को ऐसा सियासी पैंतरा चला, जिसकी चर्चा आज पूरे देश में हो रही है। जी हं, नीतीश कुमार ने सियासत में यू टर्न लेते हुए विपक्षी गठबंधन इंडिया को नमस्ते कहते हुए एनडीए के पाले में जा मिले। इसे लेकर इंडिया गठबंधन के संस्थापकों में से एक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख और महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार ने आश्चर्य जताया है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार एनसीपी चीफ शरद पवारबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'महागठबंधन' या विपक्ष के इंडिया गठबंधन से बाहर निकलकर रविवार को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ जाने के फैसले से हैरान हैं।
एनसीपी प्रमुथ शरद पवार ने बदलते राजनीतिक घटनाक्रम पर आश्चर्य जताया कि जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार का अचानक हृदय परिवर्तन किस कारण से हुआ, जो 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए गठित इंडिया गठबंधन के मुख्य लोगों में शामिल थे।
शरद पवार ने कहा कि नीतीश ने एनडीए के साथ जाकर बहुत बड़ी भूल की है और जनता ही उन्हें भविष्य में सबक सिखायेंगे।
बिहार में महागठबंधन सरकार को भंग करने के लिए नीतीश कुमार पर हमला करते हुए शरद पवार ने कहा, “वह इंजिया गठबंधन में भाजपा के खिलाफ मजबूत भूमिका निभा रहे थे। मुझे नहीं पता कि अचानक क्या हुआ, लेकिन भविष्य में जनता उन्हें उनकी भूमिका के लिए सबक जरूर सिखाएगी।''
शरद पवार ने कहा कि इतने कम समय में ऐसी स्थिति पहले उन्होंने ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी। उन्होंने कहा, “पटना में रविवार को जो कुछ भी हुआ, ऐसी स्थिति इतने कम समय में पहले कभी नहीं देखी गई थी। मुझे याद है कि यह नीतीश कुमार ही थे, जिन्होंने सभी गैर-भाजपा दलों को पटना बुलाया था। उनकी भूमिका भी ऐसी ही थी लेकिन पिछले 10-15 दिनों में ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने इस विचारधारा को छोड़ दिया और आज बीजेपी में शामिल होकर सरकार बना ली। पिछले 10 दिनों में ऐसा नहीं लगा कि वह ऐसा कोई कदम उठाएंगे।”
मालूम हो कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार की सुबह में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और शाम होते-होते एनडीए के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेकर बिहार की सत्ता और अपनी पार्टी जदयू पर मजबूत पकड़ बनाये रखी।
नीतीश कुमार ने 18 महीने के महागठबंधन सरकार को छोड़कर एक बार फिर राजद और कांग्रेस से अपना नाता तोड़ते हुए बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में वापस लौट गये हैं। यह चौथी बार है जब नीतीश कुमार ने गठबंधनों के बीच बदलाव किया है। वह वैचारिक विवादों को लेकर 2013 से ही पाला बदल रहे थे।
नीतीश कुमार ने रविवार को राज्यपाल के समक्ष अपना इस्तीफा देते हुए कहा कि महागठबंधन में अभूतपूर्व स्थितियों को देखने के बाद उन्होंने सरकार को भंग करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि गठबंधन के भीतर स्थितिया उनके अनुकूल नहीं थीं। पार्टी के नेताओं के विचार-विमर्श करने के बाद महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है।