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देश में दो महीने बाद फिर से शुरू हुईं घरेलू विमान सेवाएं, 630 उड़ानें रद्द हुईं

By भाषा | Updated: May 26, 2020 00:41 IST

केन्द्रीय नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार शाम कहा कि रविवार तक कोई घरेलू उड़ान नहीं थी और सोमवार को 532 उड़ानों से 39,231 यात्री अपने गंतव्य पहुंचे हैं।

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ठळक मुद्देमुंबई हवाई अड्डे पर प्रतिदिन 50 घरेलू उड़ानों और हैदराबाद हवाई अड्डे पर प्रतिदिन 30 घरेलू उड़ानों का परिचालन किया जायेगा।चेन्नई हवाई अड्डे पर अधिकतम 25 विमान उतर सकेंगे लेकिन वहां से उड़ान भरने वाले विमानों की कोई संख्या निर्धारित नहीं की गई है।

नयी दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर विभिन्न राज्यों द्वारा अपने हवाईअड्डे खोलने की अनिच्छा जताने के बीच सोमवार को देश में दो महीने के अंतराल के बाद घरेलू यात्री विमान सेवाएं फिर से शुरू कर दी गईं। हालांकि 630 उड़ानें रद्द भी हुईं। विमानन क्षेत्र के सूत्रों के अनुसार, केन्द्र सरकार द्वारा रविवार की रात पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश के लिए कोई उड़ान नहीं होने और मुंबई, चेन्नई तथा हैदराबाद जैसे बड़े शहरों के लिए कम संख्या में उड़ानों का परिचालन करने का दिशा-निर्देश जारी होने के बाद सोमवार को करीब 630 उड़ानें रद्द हुईं।

इस वजह से कई लोग जब सोमवार की सुबह हवाईअड्डे पहुंचे तो अपनी उड़ान रद्द होने की सूचना मिलने के बाद वापस लौटना पड़ा। कई लोगों ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा दिखाया। केन्द्रीय नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार शाम कहा, ‘‘रविवार तक कोई घरेलू उड़ान नहीं थी और सोमवार 532 उड़ानों से 39,231 यात्री अपने गंतव्य पहुंचे हैं। भारत के आसमान में फिर उड़ानों शुरु हो गयी हैं। आंध्रप्रदेश में कल से और पश्चिम बंगाल में 28 मई से उड़ान शुरु होने के साथ ही यात्रियों और उड़ानों की संख्या बढ़ेगी।’’

सूत्रों के अनुसार, सोमवार की करीब 1,100 उड़ानों के लिए टिकट की बुकिंग 22 मई से शुरू हुई। नागर विमानन अधिकारियों की सख्त नियमन अनुशंसा के तहत पहले विमान ने दिल्ली हवाई अड्डे से पुणे के लिए सुबह पौने पांच बजे उड़ान भरी जबकि मुंबई हवाई अड्डे से पहली उड़ान पौने सात बजे पटना के लिए भरी गई। महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्य जहां देश के सबसे व्यस्ततम हवाईअड्डे हैं, वे अपने राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण मामले बढ़ने का हवाला देकर हवाईअड्डों से घरेलू विमान सेवा शुरू करने के लिए इच्छुक नहीं हैं।

पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश ने विमान सेवा शुरू करने की अनुमति देने के नागर विमानन मंत्रालय के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया। रविवार को यह तय किया गया था कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता और बागडोगरा हवाईअड्डे पर परिचालन 25 से 27 मई तक बंद रहेगा और 28 मई से दोनों जगहों से 20-20 उड़ानें संचालित होंगी। वहीं आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम हवाईअड्डे से 26 मई से लॉकडाउन के पहले की तुलना में सिर्फ 20 प्रतिशत उड़ानों का परिचालन होगा।

मुंबई हवाई अड्डे पर प्रतिदिन 50 घरेलू उड़ानों और हैदराबाद हवाई अड्डे पर प्रतिदिन 30 घरेलू उड़ानों का परिचालन किया जायेगा। चेन्नई हवाई अड्डे पर अधिकतम 25 विमान उतर सकेंगे लेकिन वहां से उड़ान भरने वाले विमानों की कोई संख्या निर्धारित नहीं की गई है। इंडिगो के अध्यक्ष एवं मुख्य परिचालन अधिकारी वोल्फगैंग प्रोक शाउएर पहले दिन परिचालनों को देखने के लिए दिल्ली हवाईअड्डा पहुंचे। उन्होंने कहा कि एयरलाइन का संचालन सुगम रूप से हो रहा है और यात्री आरामदेह महसूस कर रहे थे क्योंकि सोमवार को भीड़ कम थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने कुछ बोर्डिंग गेट का दौरा किया। यात्रियों को नियमों की अच्छी जानकारी थी। केंद्रीय अधिकारियों और राज्यों से मिले कम समय के बावजूद, हमने सफलतापूर्वक जानकारी पहुंचाई।” इंडिगो के एक प्रवक्ता ने कहा कि एयरलाइन के विमानों से करीब 20,000 यात्रियों ने सफर किया। एक प्रेस विज्ञप्ति में स्पाइसजेट ने कहा कि उसके पहले विमान ने सोमवार को अहमदाबाद से सुबह छह बजकर पांच मिनट पर उड़ान भरी और सात बजकर 10 मिनट पर दिल्ली पहुंचा। कंपनी ने यह भी बताया कि उसने क्षेत्रीय संपर्क की उड़ान योजना के तहत निर्धारित मार्गों पर सोमवार को 20 विमानों का परिचालन किया।

स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा, ‘‘हम पूरी तरह सुगम एवं सुचारू रूप से तथा सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों एवं प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विमान सेवाएं फिर से शुरू कर खुश हैं।” एयरलाइन कंपनियां सेवाएं फिर से शुरू करने को लेकर आशंकित थी क्योंकि कई राज्यों ने घरेलू विमानों से पहुंचने वाले यात्रियों को पृथक-वास में रखने के लिए अलग नियम एवं शर्तें लागू की हैं।

सरकार ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि कुछ खास नियमों एवं दिशा-निर्देशों के तहत 25 मई से घरेलू विमान सेवाएं फिर से शुरू की जाएंगी। इनमें टिकट की कीमतों को सीमित करना, यात्रियों द्वारा मास्क पहनना, विमान के भीतर खाना नहीं दिए जाने और आरोग्य सेतु ऐप या स्व-घोषणा वाले फॉर्म के जरिए यात्रियों द्वारा चिकित्सीय स्थिति के विवरण उपलब्ध कराना जैसे नियम शामिल थे।

यह ऐप उपयोगकर्ताओं के स्वास्थ्य की स्थिति और पिछली यात्रा के आधार पर उन्हें रंगों के हिसाब से अलग-अलग श्रेणी में रखता है। यह उपयोगकर्ताओं की यह जानने में मदद करता है कि उनके आस-पास कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति तो नहीं। सरकार का यह फैसला ऐसे वक्त में आया जब विमानन क्षेत्र 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद से जबर्दस्त आर्थिक संकट का सामना कर रहा था।

कुछ राज्यों ने विमान सेवा शुरू करने के केंद्र के फैसले को लेकर आपत्ति जताई थी। कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, बिहार, पंजाब, असम और आंध्र प्रदेश समेत अन्य ने उनके हवाईअड्डों पर आने वाले यात्रियों के लिए अपने-अपने पृथक-वास नियमों की घोषणा की है। कुछ राज्यों ने यात्रियों को अनिवार्य रूप से संस्थागत पृथक-वास केंद्रों में रखने का फैसला किया है जबकि कई अन्य उन्हें घर में ही पृथक-वास में रखने पर चर्चा कर रहे हैं।

नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यात्री के फोन में आरोग्य सेतु ऐप में ग्रीन स्थिति दिखने के बावजूद उसे पृथक-वास में रखने की जरूरत पर सवाल उठाए। ग्रीन स्थिति दिखाती है कि यात्री कोविड-19 से सुरक्षित है। 

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