यूपी में कुत्ते पालने वाले हो जाएं सावधान, सड़क पर टहलाने से पहले जान लीजिए नए नियम
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 28, 2023 08:08 AM2023-02-28T08:08:02+5:302023-02-28T08:11:37+5:30
उत्तर प्रदेश शासन ने आवारा और पालतू कुत्तों के हिंसक बर्ताव को देखते हुए कुछ नियम और दिशा-निर्देश बनाए हैं। जिसके तहत अब कुत्तों पालने वाले उसके सारे व्यवहार के लिए जवाबदेह माने जाएंगे।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश शासन ने बीते कुछ महीनों में आवारा और पालतू कुत्तों के हिंसक बर्ताव को देखते हुए और उस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कुछ नियम और दिशा-निर्देश बनाए हैं। अब कुत्तों पालने वाले उसके सारे व्यवहार के लिए जवाबदेह माने जाएंगे। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ कुत्तों के संबंध में जारी की गई नई नियमावली को लागू करने वाला प्रदेश का पहला शहर बनने जा रहा है।
जी हां, उत्तर प्रदेश शहरी विकास विभाग ने पालतू और आवारा कुत्तों के पंजीकरण से संबंध में नई नियमावली जारी की है, जिसमें स्पष्ट बताया गया कि शहरों की स्थानीय निकायों को इस संबंध में क्या करना है।
नये नियमों के तहत यूपी के विभिन्न शहरों में सभी कुत्ते के मालिकों को स्थानीय नगर निकायों में एक वचनपत्र देना होगा कि उनका पालतू कुत्ता सार्वजनिक रूप से कोई आक्रामक व्यवहार नहीं करेगा और अगर कुत्ता ऐसा करता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उसके मालिक होगी।
इसके साथ ही नये नियमों में आवारा कुत्तों के संबंध में नियम बनाये गये हैं, जिनके अनुसार आवारा कुत्तों को गोद लेने वाले व्यक्तियों के लिए भी कई नियम और शर्तें निर्धारित किये गये हैं। अब आवारा कुत्तों का भी पंजीकरण होगा और उसके लिए कोई शुल्क देय नहीं होगा।
आवारा कुत्तों का भी नसबंदी और टीकाकरण किया जाएगा। पांच या उससे अधिक आवारा कुत्तों को पालने वाले इच्छुक व्यक्तियों और लोगों के समूह को कुत्तो के लिए आश्रय गृह माना जाएगा और उन्हें भी शहरी विकास विभाग द्वारा बनाए गए दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
नये नियमों के तहत पालतू कुत्तों के मालिक को एक चिप या टोकन दिया जाएगा, जिसे कुत्ते के गले में पहनाना होगा और जिस पर मालिक के नाम, पता और मोबाइल नंबर के साथ-साथ कुत्ते का पंजीकरण नंबर दर्ज होगा। सार्वजनिक तौर पर कुत्ते को टहलाने या बाहर ले जाने पर उसके साथ चिप या टोकन लगाना अनिवार्य होगा।
यदि पालतू कुत्ता सार्वजनिक स्थान पर बिना चिप या टोकन के पाया जाता है, तो संबंधित नगरपालिका के कर्मचारी उन्हें जब्त कर लेंगे और सरकार द्वारा चलाये जा रहे आश्रय गृहों में भेज देंगे। उसके बाद लोकल प्रशासन मालिक पर जुर्माना लगाएगा और उसकी अदायगी के बाद ही कुत्ते को उनके मालिक को वापस सौंपा जाएगा।
लेकिन शहरी विकास विभाग द्वारा बनाए गए यह दिशा-निर्देश नोएडा पर लागू नहीं होगा क्योंकि यह एक औद्योगिक क्षेत्र है और यहां का प्रशासन उद्योग विकास विभाग के अधीन आता है और यहां के पालतू कुत्तों के लिए अलग नियम हैं।